किसान आंदोलन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं के बाद, उत्तराखंड के चार जिलों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। इधर, पुलिस को इस बात की भी आशंका है कि यदि आंदोलन लंबा चला तो कुंभ मेले पर भी इसका असर पड़ सकता है। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में यूएसनगर तराई क्षेत्र के किसानों की भी अच्छी खासी भागीदारी है। इसके साथ ही हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल के जिलों के किसान भी आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। इस कारण दिल्ली की घटना के बाद पुलिस ने इन चार जिलों में पुलिस प्रमुखों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है. खासकर किसानों की दिल्ली वापसी के बाद हालात पर नजर बनाए रखने को कहा गया है। आगे पढ़ें:
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इधर, पुलिस को इस बात की भी आशंका है कि यदि आंदोलन लंबा चला तो हरिद्वार कुंभ मेला में कानून व्यवस्था के लिहाज से अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध करने पड़ सकते हैं। कारण आंदोलन प्रभावित क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए हरिद्वार आते हैं। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक उत्तराखंड में अभी स्थिति सामान्य बनी हुई हैं। आगे भी पुलिस हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों के आंदोलन की आड़ में हुए उपद्रव की कड़े शब्दों में निंदा की है। कहा कि इसमें पाकिस्तान के शामिल होने के भी सबूत सामने आए हैं। बुधवार को मीडिया से बातचीत में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि इस आंदोलन में तमाम ऐसी शक्तियां भी घुसपैठ कर चुकी हैं जिन्होंने पूर्व में सीएए, जीएसटी का विरोध किया। जो एंटी लाबी व छोटे-छोटे धड़े वाले व लेफ्टिस लोग हैं। सब किसानों के आंदोलन में घुस आए हैं।