जज को हमारे समाज में सबसे ज्यादा सम्मान मिलता है। वजह, उसकी सत्यनिष्ठा और न्याय करने को लेकर उसकी आस्था है। लेकिन उत्तराखंड से ऐसी खबर सामने आई है, जिससे जजों की कौम को शर्मसार कर दिया है। आइये आपको पूरे मामले से रूबरू करवाते हैं. प्रशांत जोशी देहरादून में जिला जज हैं. उन्हें उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर दिया है। और इसके पीछे वजह यह है कि प्रशांत जोशी पर आरोप है कि अपनी सरकारी कार होने के बावजूद वह एक मामले के आरोपी की ऑडी कार लेकर मसूरी कैम्प करने चले गए। प्रशांत जोशी को सस्पेंड करने का आदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल की तरफ से जारी किया गया है।
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जिस आरोपी की ऑडी का इस्तेमाल करने का आरोप जोशी पर लगा है उसका नाम केवल कृष्ण सोनी है। सोनी पर राजपुर थाने में FIR दर्ज है। उस पर धोखाधड़ी से जुड़ी अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज है। इस संबंध में एक रिट याचिका (क्रिमिनल)भी विचाराधीन है। जज जोशी को फिलहाल रूद्रप्रयाग अटैच किया गया है। उन्हें आदेश है कि वह हाईकोर्ट की परमिशन के बगैर स्टेशन नहीं छोडे़ंगे। बतौर जिला जज देहरादून उन्होंने 21 और 22 दिसंबर को मसूरी में आयोजित कैंप कोर्ट में जाने के लिए अपने सरकारी वाहन के बजाय प्राइवेट ऑडी कार का उपयोग किया। इसमें जिला जज का बोर्ड लगाया गया था। यह कार मसूरी स्थित हाईकोर्ट के गेस्ट हाउस के बाहर खड़ी की गई थी।
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यह ऑडी कार जिस केवल कृष्ण के नाम से पंजीकृत है, उसके खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इस प्राथमिकी को रद्द करने के संबंध में हाईकोर्ट के समक्ष याचिका भी लंबित है। हाईकोर्ट ने प्रशांत जोशी के इस कृत्य को सेवा नियमावली का उल्लंघन मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।