आखिरकार देर से ही सही पर जिस आन्दोलन के जरिये पिछले 1 महीने से भी ज्यादा वक्त से उत्तराखंड में आयुष छात्र लड़ रहे थे वो सफल हो गया है। आयुष छात्रों से ज्यादा फीस वसूलने के मामले में सरकार ने आयुर्वेद विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। आज यानी 22 नवम्बर को शासन से इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। सरकार ने फीस निर्धारण के लिए स्थायी समिति गठित करने का निर्णय लिया है।
गुरुवार शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और शासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में आंदोलनरत छात्रों से वार्ता की थी। वार्ता में उन्होंने आश्वस्त किया कि फीस के संबंध में हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बढ़ी फीस नहीं लेने के लिए कॉलेजों को निर्देश दिए थे। लेकिन इस बावजूद भी कॉलेज प्रशासन उनकी बात नहीं सुन रहा था| जिसके कारण उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों के छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलनरत रहे। आंदोलन शांत नहीं होने पर सरकार को भी अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर होना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी व निजी आयुर्वेद कॉलेजों को हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को आदेशों का पालन कराने के निर्देश दिए। कहा कि छात्रों के लंबे समय तक आंदोलनरत रहने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आयुर्वेद छात्रों की फीस निर्धारण के लिए स्थायी समिति के शीघ्र गठन करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। समिति के अध्यक्ष पद पर न्यायाधीश को नामित करने के लिए हाईकोर्ट से आग्रह किया जाएगा।