इन दिनों चारधाम यात्रा सीजन उफान पर है, हर दिन चारों धामों में हजारों की संख्या में लोग पहुँच रहे हैं, विशेषकर केदारनाथ में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है और इसके पीछे भोले बाबा के दर्शन तो महत्वपूर्ण हैं ही एक और वजह ये भी है कि लोग ये देखना चाहते हैं कि 2013 की भयावह आपदा के बाद केदारपुरी को केसे नये आकार में बनाया जा रहा है और वो भी तब जब प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश सरकार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है।
पर अब लग रहा है कि यहाँ जिस तरह से काम किये जा रहे हैं उससे तीर्थपुरोहित, व्यापारी और हक-हकूकधारी खुश नहीं हैं और यही कारण है कि आज यानी सोमवार 14 मई को ये सभी लोग केदारनाथ में उपवास पर बैठ गये हैं और इनका कहना है कि जब तक प्रदेश सरकार उनकी मांगे मान नहीं लेती है तब तक वो हर सोमवार ऐसे ही उपवास पर बैठेंगे। सुबह 8 बजे पूजा-अर्चना करने के बाद सभी तीर्थपुरोहित और व्यापारी भूख-हड़ताल पर बैठ गये, उनका कहना है कि केदारधाम में किये जा रहे धार्मिक कार्यों और कामों को लेकर वो सरकार को हमेशा अवगत कराते आ रहे हैं लेकिन उनकी बात कोई सुनने वाला नहीं है।
सरकार जो भी यहाँ काम करा रही है उसपर पौराणिक मान्यताओं का कोई भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है और प्रदेश सरकार यहाँ पुलिस और प्रशासन के दम पर जबरदस्ती काम करवा रही है, पुजारियों ने कहा कि पूरी केदारपुरी को समतल करने, सुरक्षा दीवार बनाने, तीर्थपुरोहितों के भवन बनाने आदि को बनाने को लेकर सरकार कतई भी गंभीर नहीं है जबकि बहुत सारे तीर्थपुरोहित बेरोजगार हो गये हैं और अगर आगे भी इसी तरह से काम चलता रहा तो सभी तीर्थपुरोहित कड़ा कदम उठायेंगे।