तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों और रावलों ने कल सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। बता दें कि तीर्थ पुरोहित और पुजारी देवस्थानम बोर्ड को लेकर आक्रोश में हैं। कल तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों और रावलों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर सरकार के फैसले और देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पहले देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार की बात कही और बाद में 9 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद की मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि देवस्थानम बोर्ड से 51 मंदिरों को मुक्त किया जाएगा। लेकिन बीते दिनों संस्कृति मंत्री व देवस्थानम बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज के पुनर्विचार न किए जाने संबंधी बयान के बाद तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। आगे पढ़ें:
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बता दें कि अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत कल गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध किया। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी काली पट्टी बांध कर तीर्थ पुरोहितों व उनके परिजनों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की। गौरतलब है कि उत्तराखंड के चार धामों के अलावा 47 अन्य मंदिरों को भी उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में देवस्थानम बोर्ड के अधीन लाया गया था। इसके बाद से ही चार धामों के तीर्थ पुरोहित व इन मंदिरों से जुड़े हक-हकूकधारी आंदोलनरत हैं।