यहाँ बात हो रही है उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की, जिले के मुख्यालय से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर सुदूरवर्ती मोरी विकासखण्ड के सावनी गाँव में कल पूरी रात हाहाकार मचा रहा। कल पूरी रात में पूरा का पूरा गाँव जलकर राख का ढेर हो गया है और अब पूरे गाँव में सिर्फ दो ही घर बचे हुए हैं। दरसल हुआ ये कि कल रात को किसी कारण से एक घर में आग लग गयी थी, जिसने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया और उस घर के जलने के साथ ही साथ के दूसरे घर ने भी आग पकड़ ली और उसके बाद एक और घर ने और ऐसे करके ही पूरे गाँव में आग फैलती गयी और सभी घर जलकर ध्वस्त हो गये।
इतनी तेजी से आग पकड़ने का मुख्य कारण यह है कि इस सुदूरवर्ती गाँव के सभी मकान लकड़ी से बने हुए थे जिसके कारण आग ने विकराल रूप ले लिया और घर जलने के साथ साथ ही लोगों की गौशाला भी जल गयी जिसके कारण 200 से अधिक मवेशी आग के हवाले चढ़ गये और गाँव के 25 मकान पूरी तरह से राख हो गये हैं। ग्रामीणों ने आग बुझाने का काफी प्रयास भी किया लेकिन घरों के लकड़ी से बने होने के कारण वो इसपर काबू नहीं पा सके और जब आग ज्यादा फैलती चली गयी तो ग्रामीणों ने अपने बच्चों को साथ लेकर खेतों की ओर भागने में ही भलाई समझी। और पूरी रात वो खेतों से ही अपने घरों को जलता हुआ देखते रह गये और पूरी रात लोगों की चीख पुकार मचती रही। ये पूरा इलाका उत्तराखंड और हिमांचल की सीमा से लगा हुआ है और दुर्गम क्षेत्र में आता है, रात करीब 2.30 बजे जिला प्रशासन को इस बात की सूचना मिली पर सुदूरवर्ती होने के कारण प्रशासन की टीम को भी वहां पहुँचने में समय लग रहा है।