उत्तराखंड के चारधामों में से तीन धामों के कपाट बंद होने की तिथि और समय तय हो गया है। आज विजयदशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि और समय तय किया गया।
दशहरा के पावन पर्व पर मंदिर समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल एवं सचिव दीपक सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री मंदिर के कपाट अन्नकूट के पावन पर्व पर 15 नवंबर को दोपहर 12:15 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। उसके बाद दोपहर 12:30 बजे मां गंगा की डोली मुखबा के लिए रवाना होगी तथा उसके अगले दिन भैया दूज के पावन पर्व पर 16 नवंबर को मुखबा स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: पहाड़ में गुलदार का आंतक: घास काट रही महिला को घसीटकर ले गया तेंदुआ, मिला सिर खाया शव
वही यमुनोत्री धाम के कपाट भी 16 नवंबर को भैयादूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:15 बजे अभिजीत लग्न पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इससे पूर्व माँ यमुना के मायके खरशाली गाँव से शनिदेव की डोली सुबह 7:30 बजे अपनी बहिन यमुना की डोली को लेने यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी।
वहीं आज दोपहर तक केदारनाथ धाम के भी कपाट बंद होने का समय भी तय किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: उत्तराखण्ड: मायके में नवविवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म, विरोध करने पर तोड़ी नाक की हड्डी
रविवार को विजय दशमी पर्व पर बदरीनाथ धाम में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, तीर्थयात्रियों व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने भगवान बद्री विशाल के धाम के कपाट बंद करने की तिथि घोषित की। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को अपराह्न 3:35 मिनट पर बंद होंगे।
दूसरी तरफ द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के भी कपाट शीतकाल के लिए 19 अक्तूबर को सुबह 7 बजे और मार्कण्डेय मन्दिर मक्कूमठ मे तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को बंद होंगे।