उत्तराखंड के बदरीनाथ मंदिर परिसर में कुछ मुस्लिमों द्वारा नमाज पढ़े जाने का वीडियो सामने आने के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है। कहा जा रहा है कि 21 जुलाई को बकरीद के मौके पर कुछ मुस्लिमों ने मंदिर परिसर में कथित तौर पर नमाज अदा की। इस खबर के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारी यशवंत सिंह चौहान ने कहा है कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें नजर आ रहा है कि कई मुसलमान बदरीनाथ मंदिर परिसर में नमाज अदा कर रहे हैं।
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पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दी है कि वायरल पोस्ट पर नजर पड़ते ही स्थानीय पुलिस की एक टीम तुरंत इन आरोपों की जांच में जुट गई। पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। 15 मुस्लिम श्रमिक हरिंदर सिंह नाम के एक कॉन्ट्रैक्टर के अंदर काम करते हैं। यह सभी मजदूर मंदिर से करीब 1 किलोमीटर दूर स्थित एक पार्किंग फैसिलिटी प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। पुलिसिया जांच में यह भी सामने आया है कि सभी मजदूर प्रोजेक्ट साइट पर ही रह रहे थे क्योंकि वहां निर्माण में इस्तेमाल होने वाली काफी सामग्रियां रखी गई हुई थीं।
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ईद-उल-अजहा के मौके पर उनलोगों ने वहीं पर सुबह 7 बजे नमाज अदा किया था। उन्होंने ना तो किसी भी सार्वजनिक स्थल पर नमाज अदा किया था और ना ही किसी मौलाना को बाहर से नमाज अदा करने के लिए बुलाया गया था। बदरीनाथ में नमाज पढ़ने के मामले में ठेकेदार हरेंद्र सिंह पंवार, नाजिर और मोहम्मद आजम के खिलाफ नामजद और 12 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जांच भी शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही पुलिस मंदिर में नमाज पढ़े जाने के आरोपों की भी जांच कर रही है। पुलिस ने एक ट्वीट कर कहा कि सभी को अफवाहों से बचना चाहिए और बिना सच जाने कोई भी खबर शेयर न करें। इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि जांच के आधार पर ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।