IAS मंगेश घिल्डियाल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, अब तक वो उत्तराखंड में दो अलग-लग जिलों में जिलाधिकारी का पद संभाल चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने दोनों जिलों के विकास कार्यों में अहम योगदान दिया और सभी लोगों से उनके आत्मीय व्यवहार के कारण उनकी छवि ऐसी बनी कि वो जिस भी जिले को छोड़कर गए वहां के लोगों ने इसका जमकर विरोध किया और जब प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें नम आँखों से विदाई दी। और अब उनकी इसी काबिलियत को देखते हुए उन्हें एक बड़े जिले टिहरी की बागड़ोर भी दे दी गयी है।
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टिहरी जिले की कमान संभालते ही जिलाधिकारी मंगेश तबाड़तोड़ एक्शन में आ गए हैं जिसके कारण टिहरी जिले के अधिकारियों में हडकंप तो मचा ही है साथ ही पिछले दो महीने से जारी कोरोना से जंग में सुस्त पड़े टिहरी के प्रशासन में भी तेजी देखने को मिल रही है। कल यानी रविवार को टिहरी गढ़वाल में जिलाधिकारी का कार्यभार संभालने के बाद मंगेश सोमवार सुबह मुनिकीरेती ऋषिकेश पहुंचे जहां उन्होंने होटल व्यवसायियों के साथ बैठक की और सभी से कोरोना संकट के इस दौर में मदद की आशा जाहिर करते हुए कहा कि अब प्रवासियों को टिहरी की सीमा पर स्थित मुनिकीरेती में क्वारंटीन किया जाएगा जिसके लिए आपके सहयोग की नितांत आवश्यकता है।
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इस दौरान बैठक में होटल व्यवसायियों ने उनकी इस बात का समर्थन करते हुए स्वेच्छा से अपने होटल प्रशासन को सौंपने की बात कही है। अब तक टिहरी में प्रवासियों को पंचायत घरों, स्कूल- कालेजों में क्वारंटीन किया जा रहा था जिससे जिले में कोरोनो संकट तेजी से बढ़ने लगा था और गांवों में भी दहशत फ़ैल गई थी। पर अब जिलाधिकारी मंगेश के इस एक एकलौते कदम से सभी को काफी राहत मिलने वाली है।
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