इस समय पूरी दुनियां पर कोरोना वायरस का खौफ है अब भारत में भी लगातार इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसके बाद पूरे देश से लेकर उत्तराखंड में भी लोग इससे सावधान हो चुके हैं। लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने में पूरी तरह से परहेज करने लगे हैं। परिवहन निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते तीन दिनों के भीतर पूरे राज्य में यात्रियों की संख्या में 50 हजार की कमी आयी है। उत्तराखंड में अब तक देहरादून में ही कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति की पहचान की जा चुकी है जबकि कई लोग इस मामले में संदिग्ध हैं जिनकी जांच की जा रही है।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस के साथ-साथ ही अब स्वाइन फ्लू ने भी अपनी दस्तक दे दी है। राज्य में फ्लू के अब तक नौ पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। जबकि फ्लू से पीड़ित एक महिला की मौत की खबर भी सामने आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के साथ स्वाइन फ्लू से निपटने की चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक फ्लू के 101 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इसमें नौ मामलों में स्वाइन फ्लू पाया गया है। जौलीग्रांट स्थित एक निजी अस्पताल में एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हुई है।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवाएं लेनी भी शुरू कर दी हैं। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित या संदिग्ध कोरोना मरीजों को सलाह, उपचार और सुझाव को लेकर कोऑर्डिनेशन डेस्क बनाई गई है। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय व स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जहां 45 प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों को उनके हास्टलों में ही कोरेंटाइन कर दिया गया है। वहीं 26 अधिकारियों की आइसोलेशन में निगरानी की जा रही है।