उत्तराखंड में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहाँ ऋषिकेश के पास एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के एक छात्र की उसके सीनियर छात्रों ने पहले तो पीट—पीट कर जान ले ली और मामले को छिपाने के लिये स्कूल प्रबंधन ने उसके शव को कैंपस में ही दफना दिया था। ये पूरा वाकया है 10 मार्च का जब चिल्ड्रन होम एकेडमी भोगपुर में पढ़ने वाले कुछ छात्र स्कूल के समीप चर्च गए थे। इसी बीच रास्ते में पड़ने वाली एक दुकान से कक्षा 7 में पढ़ने वाले छात्र वासु ने बिस्कुट का पैकेट चुरा लिया, जिसकी सूचना दुकानदार लेखपाल सिंह रावत ने संबंधित चर्च के स्टाफ को दी, जिस पर स्टाफ ने वासु को डांटा और सभी छात्रों को बिना अनुमति के आउटपास जाने से रोकने को कहा।
यह पूरी बात जब स्कूल के सीनियर छात्रों को पता चली तो उन्होंने वासु को सबक सिखाने की ठानी और उन्होंने हॉस्टल आकर वासु यादव पुत्र झपटू यादव निवासी विवेकानंद कुष्ठ आश्रम, दिल्ली रोड हापुर फाटक, मेरठ की बैट और विकेट से बेरहमी से पिटाई कर दी। वो उसे छत पर भी ले गए जहाँ उसे ठंडे पानी नहलाया गया साथ ही गंदा पानी पिलाया और दोबारा उसके साथ मारपीट की जिससे वह बेहोश हो गया। सीनियर छात्र उसे बेहोशी की हालत में स्टडी रूम में छोड़ कर भाग गए। उसके बाद छात्र को बेहोशी की हालत में ही ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल ले जाया गया जहां छात्र को मृत घोषित कर दिया गया । पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले के बारे में पुलिस को सूचित करने की बजाय स्कूल के अधिकारियों ने लड़के के शव को कैंपस में ही दफना दिया और मामला रफा—दफा करने की कोशिश की।
स्कूल प्रबंधन ने इस बारे में हापुड में रहने वाले छात्र के माता—पिता को भी सूचित नहीं किया। छात्र की संदिग्ध मौत का मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने मृतक छात्र का दोबारा ऋषिकेश एम्स में पोस्टमार्टम कराया, जिसमें उसकी मौत की वजह शरीर में गंभीर चोट लगने और अत्यधिक रक्तस्राव होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने इसके बाद बताया कि स्कूल प्रबंधक, वार्डन, शारीरिक व्यायाम शिक्षक और स्कूल के दो छात्रों को इस घटना के संबंध में गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।