पिछले कुछ समय से ऋषिकेश स्थित लक्ष्मण झूला पुल चर्चा का विषय बना हुआ है और इसके पीछे कारण ये था कि अंग्रेजों के समय में बना ये पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका था और इसके बावजूद इसपर लगातार आवाजाही चालू थी। और जब प्रशासन ने ये पुल बंद करने का निर्णय लिया तो इसके विरोध में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला था। प्रशासन ने तब आम जनता को आश्वासन दिया था कि बहुत ही जल्द यहाँ एक नये पुल का निर्माण किया जाएगा।
इसी का परिणाम है कि भारत में पहली बार चीन निर्मित पारदर्शी कांच से नया लक्ष्मणझूला पुल बनाया जाएगा। 80 मिलीमीटर मोटे पारदर्शी कांच के बने पुल पर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का विहंगम नजारा भी देख सकेंगे। इस दो लेन वाले 150 मीटर लंबे एवं छह मीटर चौड़े पुल में आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए जाएंगे। झूला पुल का डिजाइन और डीपीआर तैयार करने के लिए पहले ही 50 लाख का बजट तय किया जा चुका है।
उत्तराखंड सरकार चाहती है कि जो नया पुल बने उससे लोगों को आवाजाही की सुविधा मिले, साथ ही ये आकर्षक भी हो। यही वजह है कि नए पुल को चीन में बने शीशे के पुल की तर्ज पर कांच का बनाया जाएगा। सबसे खास बात ये है कि ये पुल इतना ताकतवर होगा कि दिन भर दोपहिया वाहनों की आवाजाही आसानी से झेल लेगा। कांच के इस पुल पर तिपहिया वाहन या टेंपो दाखिल नहीं हो सकेंगे। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एसएल गोयल ने कहा की लक्ष्मणझूला के पास ही 60 मीटर की दूरी पर ही नया पुल बनाया जाएगा। अच्छी खबर ये भी है कि इंजीनियरों ने पुल की साइट का सर्वे कर लिया है।