उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के कुमराड़ा गांव में तालाब की भूमि को पाटकर लगाई गई मूर्ति हटाने गई प्रशासनिक व पुलिस टीम पर गांव वालों ने हमला कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासनिक टीम पर जमकर पथराव किया है। डिफेंस में पुलिस टीम ने लाठियां बरसाकर मूर्ति को तालाब की भूमि से हटाया। मंगलोर के कुमराड़ा गांव में कुछ लोगो ने एएसडीएम को तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा कर मूर्ति लगाने की शिकायत की गई थी। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया। वह तालाब की भूमि से मूर्ति हटाने का विरोध कर रहे थे।
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काफी समझाने के बाद भी ग्रामीण जिद पर अड़े रहे। जिसके बाद बीते दिन नायब तहसीलदार सुरेश पाल सैनी के नेतृत्व में कानूनगो राजकुमार और लेखपाल ओमप्रकाश पुलिस टीम को साथ लेकर जेसीबी से मूर्ति हटवाने पहुंचे। इस पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और वे विरोध करने लगे। पुलिस और प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह हंगामा करने लगे। विरोध के बीच मूर्ति हटाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया। वहीं, पथराव में मंगलौर कोतवाली प्रभारी यशपाल सिंह बिष्ट, हेड कांस्टेबल ललिता खंडेलवाल, कांस्टेबल पवन पुंडीर और जेसीबी चालक विरम सिंह घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में उपचार दिलाया गया।
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सूचना पर आसपास के थानों और पीएसी के जवानों को भेजा गया। पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर किया और कड़ी सुरक्षा के बीच मूर्ति को हटवाया गया। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि नायब तहसीलदार सुरेश पाल सैनी की तहरीर पर जानलेवा हमला, बलवा, मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा, गालीगलौज करने के मामले में ओमप्रकाश, अमित, बृजेश, चमनी सहित 26 लोगों को नामजद कर 100 से अधिक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हमलावरों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।