उत्तराखंड

सिलक्यारा सुरंग: सकारात्मक परिणामों से जागी उम्मीद, सब कुछ सही रहा तो कल निकल सकते हैं फंसे हुए मजदूर

सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए  बचाव दल ‘क्षैतिज ड्रिलिंग’ पद्धति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि आज रात से शुरू हो रहा समय ‘सबसे महत्वपूर्ण’ है  और अगर सब कुछ सही रहा तो अगले 24 घंटों में कुछ अच्छी खबर सामने आएगी। अपर सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने बताया कि अब टेलीस्कोपिंग विधि से 900 मिमी की जगह 800 मिमी व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं।

मंगलवार को अमेरिकी ऑगर मशीन से यहां दोबारा ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया। जिससे 820 एमएम व्यास के पाइप मलबे में डाले जा रहे हैं। इन पाइपों को पूर्व में डाले गए 900 एमएम के पाइपों के अंदर से ही भेजा रहा है। सुरंग के अंदर काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि पुरानी व नई मिलाकर अब तक कुल 35 मीटर तक ड्रिल हो चुकी है। जिससे सभी लोगों में सुरंग के अंदर ऑगर मशीन से ही खुशखबरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते बाकी प्लान पर काम धीमी गति से हो रहे हैं।

निगम के निदेशक प्रशासन अंशु मनीष खल्खो ने बताया, सुरंग के बड़कोट की तरफ वाले सिरे से भी काम शुरू किया है। करीब आठ मीटर तक दो वर्ग मीटर की बचाव सुरंग खोदी जा चुकी है। हालांकि उस सिरे से श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब 325 मीटर ड्रिल करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए ज रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। पीएम ने कहा कि श्रमिकों को हर हाल में सुरक्षित निकालना हमारी पहली प्राथमिकता है।

 

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