आखिरकार रुद्रप्रयाग में 902 मीटर लंबी सुरंग निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस पुल का इन्तेजार आम जनता के साथ ही यात्री भी पिछले 12 सालों से कर रहे थे। रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड व ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबा पुल भी बनेगा, जिससे आमजन को भी आवाजाही में सहूलियत होगी। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में लोनिवि प्रांतीय डिवीजन कार्यालय से आगे जगतोली में जवाड़ी बाईपास से लगे पहाड़ पर सुरंग का निर्माण होगा, जिसका दूसरा सिरा रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मार्ग पर बेलणी में आबादी से कुछ आगे निकलेगा।
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सुरंग बनने से रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार, केदारनाथ तिराहा, बेलणी पुल में लगने वाले जाम से स्थानीय लोगों के साथ ही अन्य को निजात मिलेगी। वहीं, अलकनंदा नदी के दोनों तरफ बसे गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही भी सुलभ होगी। यात्रा सीजन में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को बाजार का लंबा फेर नहीं लगाना पड़ेगा। अधिशासी अभियंता एनएच रुद्रप्रयाग जितेंद्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि 902 मीटर लंबी सुरंग व 200 मीटर लंबा पुल का निर्माण एक ही प्रोजेक्ट में शामिल हैं। अप्रैल में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही शुरू कर दिया जाएगा। यह सुरंग व पुल दोनों हाईवे को जोड़ने का काम करेगा, जिससे आने वाले दिनों में यातायात सुलभ होगा और जाम से पूरी तरह निजात मिल जाएगी।
बदरीनाथ और गौरीकुंड नेशनल हाईवे को लिंक करने को 2008-09 में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। अध्ययन एवं विशेषज्ञों की राय के बाद केंद्र ने 2011-12 में सुरंग के सर्वे को मंजूरी दी थी, इसके बाद वर्ष 2015-16 में तीन चरणों में सर्वे पूरा किया गया था। और उसके बाद साल 2020 में सुरंग के निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी गयी थी।