पिछले काफी समय से ये आशंका जतायी जा रही थी कि उत्तराखंड में भी अवैध रूप से रोहिंग्या मुस्लिम और बांग्लादेशी समुदाय के लोग रह रहे हैं, इस बात का सबसे पहले सनसनीखेज दावा किया था खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने और इस दौरान उन्होंने कहा था कि बहुत सारे रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से हरिद्वार तक पहुँच गये हैं। उस वक्त मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बात पर खास ध्यान नहीं दिया था, पर खुपिया एजेंसियों से उन्होंने इस दौरान इस बात का इनपुट लेना शुरू कर दिया था और इस खुपिया इनपुट के बाद उत्तराखंड में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुस्लिम और बांग्लादेशी लोगों के बारे में जानकारी मिलनी शुरू हो गयी थी।
जो खुपिया इनपुट सरकार को इस दौरान मिला उससे प्रदेश सरकार के होश उड़ गये थे क्यूंकि उत्तराखंड के तराई इलाकों में इनकी संख्या उम्मीद से भी बहुत ज्यादा पायी गयी इसके बाद सभी जिलों को सूचित किया गया की इस मुद्दे पर तेजी से काम किया जाए और वहीँ अब सरकार इस पर आम आदमी से भी सहयोग मांग रही है। अब इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कोई भी रोहिंग्या मुस्लिम और बांग्लादेश से आये हुए घुसपैठिये सबक उत्तराखंड से खदेड़कर बाहर किया जाएगा, इन लोगों के चिन्हीकरण का काम लगातार तेजी से किया जा रहा है और अब आम जनता से भी इनकी पहचान करने को कहा गया है।
इसके बाद जारी सूची के आधार पर एक बार पुनः इस बात का परीक्षण किया जाएगा और फिर इन सभी लोगों को उत्तराखंड से बाहर किया जाएगा, घुसपैठियों पर उत्तराखंड सरकार का रुख स्पष्ट है कि किसी भी घुसपैठी के लिए देवभूमि में कोई जगह नहीं है। आपको बता दें कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील है और ये बात केवल सरकारें ही नहीं बल्कि आम जनता भी समझती है, जनता को अगर कोई भी व्यक्ति संदिग्ध लगता है तो वो पुलिस और प्रशासन को सूचित कर सकती है। एक और प्रदेश सरकार रोहिंग्या मुस्लिम और बांग्लादेशियों के आने पर रोक लगाने के लिए अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना तो नहीं बन पाई है लेकिन इन्हें बाहर निकालने की तैयारी जरूर शुरू की जा चुकी है।