उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए अच्छी खबर है क्यूंकि आज से पहले इसकी प्रगति रिपोर्ट देखें तो ये काफी धीमी गति से चल रही थी पर पिछले कुछ समय से इस पूरे काम में तेजी लायी गयी है और अब इसी तेजी का नतीजा है कि पूरी उम्मीद है ये रेल लाइन 2024 तक पूरी हो जायेगी जिसके बाद से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक आसानी से सफर किया जा सकता है। ये रेल परियोजना लगभग 16216 करोड़ रूपये की लागत से बन रही है और इसकी समीक्षा बैठक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में की गयी, इस बैठक में रेलवे ने बताया कि वो इस परियोजना के तहत श्रीकोट में अस्पताल, पुल और स्टेडियम का भी निर्माण करेगा।
इसके अलावा जो महत्वपूर्ण बात इस बैठक में निकलकर सामने आये वो ये थी कि चारधाम को रेलवे से जोड़ने के लिए 327.11 किमी लंबी नई रेल लाइन की सिफारिश भी रेल विकास निगम लिमिटेड सी की गयी है। जिसके सर्वे के लिए रेलवे ने इस वित्त वर्ष में 121 करोड़ का बजट भी अनुमोदित कर दिया है, वैसे जो अनुमानित लागत चारधाम को रेलवे से जोड़ने के लिए रखी गयी है वो 43292 करोड़ रुपये है और चारधाम के लिए नै रेलवे कनेक्टिविटी के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए इस वित्तीय वर्ष में बजट भी अनुमोदित कर दिया गया है। इस बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और टिहरी के जिलाधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि जिन भी लोगों के घर और जमीनें रेल लाइन की जद में आ रहे हैं उनकी क्षतिपूर्ति के लिए मंडलायुक्त से समन्वय बनाकर निबटाना शुरू कर दिया जाए।
आपको बता दें कि यह रेल परियोजना विशेष रेल प्रोजेक्ट में शुमार है, 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में कुल 12 स्टेशन, 17 सुरंगें और 35 पुलों का निर्माण किया जाएगा| इस प्रोजेक्ट के तहत वीरभद्र-ऋषिकेश रेल लाइन 2019-2020 तक, ऋषिकेश-देवप्रयाग रेल लाइन 2023-2024 तक और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग रेल लाइन 2024-2025 तक पूरी हो जायेगी। इस कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए सम्बंधित अधिकारी और परियोजना निर्माण में बिजली की समुचित आपूर्ति के लिए उर्जा निगम भी तेजी से कार्य कर रहा है। रेल परियोजना में निर्मित होने वाले सभी स्टेशनों को उत्तराखंड की शैली और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ध्यान में रखकर बनाये जायेंगे।