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गढ़वाल: अस्पताल करते रहे गर्भवती को रेफर… फार्मासिस्ट ने सूझबूझ से जंगल में कराया प्रसव

नकारात्मकता और नफरत से भरे इस दौर में आज आपके लिए एक पॉजिटिव खबर है। एक ओर जहां तमाम खबरों को पढ़कर दिन-प्रतिदिन इंसानियत पर से भरोसा उठता ही जा रहा है वहीं ऐसी खबरें आशा की किरण बन कर सामने आती हैं और एक बार फिर से इंसानियत पर भरोसा जागृत हो जाता है। चमोली जनपद के जौरासी गांव की राखी देवी के लिए ईएमडी प्रेरणा देवदूत साबित हुई। उन्होंने पौड़ी के जंगल में महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। इस घटना के बाद से यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई, जिसके बाद से हर कोई प्रेरणा की तारिफ कर रहा है। दरअसल, चमोली जनपद के विकासखण्ड नागनाथ पोखरी के जौरासी गांव की राखी देवी को बीते सात अगस्त की सुबह प्रसव पीड़ा आरम्भ हुई।

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जिसके बाद परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोखरी ले आए। यहां डॉक्टरों ने बताया कि महिला में हीमोग्लोबिन की कमी होने कारण महिला की डिलीवरी करवाना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए उन्होंने महिला को रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मगर वहां रक्त न मिलने के कारण उनको श्रीनगर रेफर किया गया। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चक्कर काटने के दौरान राखी देवी की हालत बिगड़ने लगी। 108 एम्बुलेंस में मौजूद फार्मिसिस्ट प्रेरणा ने रास्ता खराब होने के कारण विषम परिस्थितियों में राखी देवी का सुरक्षित प्रसव करवाया। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ हैं और सुरक्षित डिलीवरी के बाद राखी देवी के परिजनों ने फार्मिसिस्ट का आभार व्यक्त किया है।

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उनके परिजनों का कहना है कि जो काम जो अस्पतालों के बड़े-बड़े चिकित्सक नहीं कर पाए वह प्रेरणा ने कर दिखाया है। घटना के बाद से ही यह खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और हर कोई फार्मासिस्ट प्रेरणा की तारीफ कर रहा है। राखी देवी के साथ अगस्त्यमुनि ब्लॉक प्रमुख भी थी, जो इस पूरी कहानी की गवाह बनी। उन्होंने ईएमडी प्रेरणा को धन्यवाद दिया और कहा कि दो-दो अस्पतालों के कुशल डॉक्टर जो कार्य नहीं कर पाये, वह कार्य प्रेरणा ने विषम परिस्थियों में सफलतापूर्वक किया। ईएमडी प्रेरणा मूल रूप से अगस्त्यमुनि के बनियाड़ी गांव की रहने वाले हैं और वह पिछले नौ माह से रुद्रप्रयाग में 108 आपातकालीन सेवा पर तैनात हैं।

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