लगभग 2 माह पहले की बात है जब ये प्रकरण सामने आया था जिसके बाद सरकार और प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं, प्रियंका देवी का सपना था कि वो पहाड़ में रहकर ही ऑर्गेनिक मसाला उद्योग लगायें, जिसके लिए तमाम तरह की जानकारी वो हासिल कर चुकी थी बस अब उनके आगे एक ही समस्या थी कि बैंक से उन्हें लोन मिल जाए जिसके बाद वो अपना ये सपना पूरा कर सकें। इसके पीछे उनका मकसद पहाड़ को स्वरोजगार से जोड़ना तो था ही जिससे कि इलाके का नाम भी पूरी दुनियां में रोशन होता तो वो अपने ऑर्गेनिक मसाला उद्योग के लोन के प्रयास में पिछले काफी समय से प्रयास करने में लगी हुई थीं। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक से लेकर सहकारी बैंक तक सभी बैंकों के चक्कर काट लिए लेकिन कोई भी अधिकारी उन्हें लोन देने को तैयार नहीं था क्यूंकि प्रियंका को इस प्रोजेक्ट के लिए 25 लाख रुपये के लोन की जरूरत है।
बैंक वाले सरकारी गारंटी की मांग करते हैं अब जब जिसके घर में सरकारी नौकरी वाला कोई न हो तो उसे लोन कैसे मिलेगा। और इस सब से दुखी होकर अब प्रियंका ने सरकार से मांग की है कि उन्हें कच्ची शराब बनाने की इजाजत दी जाए क्यूंकि पहाड़ में यही एक ऐसा काम है जिसके लिए लोन की भी आवश्यकता नहीं है, जिससे वो अपना गुजारा भी कर लेंगी। प्रियंका के मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र का ही असर है कि अब जाकर उनकी मांग पूरी हो गयी है, मसाला उद्योग शुरू करने के लिए उन्हें सरकार की ओर से 15 लाख रुपये का लोन मिल गया है। पिछले लंबे समय से वह बैंकों के चक्कर काट रही है लेकिन लोन नहीं मिल रहा है। इसलिए सरकार उसे गांव में कच्ची शराब बनाने की अनुमति दे। इसके लिए उसे लोन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और वह कुछ लोगों को रोजगार भी दे सकती है। तब प्रियंका असवाल का यह पत्र सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा वायरल हो गया था।
प्रियंका के पति इन्द्रजीत सिंह असवाल ने तब कहा था कि पहाड़ों में खेत बंजर हो गये हैं उनकी योजना यहाँ मसाला उगाने की है। हल्दी-अदरक जैसे मसालों को बंदर और जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। आसपास के गांवों से मसाला खरीदने के बाद वह गांव में ही पीसकर बाजार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारियों ने उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड समेत अन्य योजनाओं का लाभ देने का भी आश्वासन दिया है।