सोशल मीडिया में बहुत ताकत होती है इसका उदाहरण दिल्ली, मालवीय नगर के बाबा का ढाबा और बुजुर्ग दंपती की वायरल वीडियो से लगा सकते है किस प्रकार लाखों लोग अब उनकी मदद के लिए आगे आ रहें है इतना ही नहीं बाबा को राशन देकर भी मदद की गई और साथ ही पैसे देकर भी बुजुर्ग दंपती की मदद की गई। बुजुर्ग को रोता देख हर किसी की आंखें नम हो गई थी। आज कुछ इसी प्रकार की जरूरत हमारे उत्तराखंड के लोकगायक को है। इस बीच सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के लोकगायक संतराम और उनकी पत्नी की वीडियो और फोटो वायरल हो रही है और इन दोनों की मदद करने की मांग उठ रही है। वह लोकपर्वों, मेले, मंदिरों और शादी ब्याह आदि कार्यक्रमों में जाकर अपनी कला का प्रदर्शन करके थोड़ी बहुत कमाई कर अपना गुजारा करते थे लेकिल कोरोना महामारी के कारण पिछले करीब पांच माह से दोनों धौलछीना में एक कमरे तक की सीमित होकर रह गए।
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बता दें कि उत्तराखंड के लोकगायक संतराम जी और उनकी पत्नी आंनदी देवी अल्मोडा जिले के धौलाछीना गाँव में रहते हैं। ईश्वर ने उन्हें आंखों की रोशनी तो नहीं दी किंतु मधुर कंठ जरूर दिया। करीब 20 साल पहले संतराम ने अपने सहारे के लिए अल्प दृष्टि बाधित आनंदी देवी को जीवन संगिनी बनाया लेकिन विडंबना यह रही कि कुछ साल बाद आनंदी देवी की आंखों की रोशनी भी पूरी तरह चली गई। आनंदी देवी भी लोक गायिका हैं और पति संतराम का बराबर साथ देती हैं। इनकी कोई संतान भी नही है जो इनकी देखभाल कर सके। आप देख सकते हैं कि किस हालत में ये दोनों रह रहे हैं। अनुसूचित समाज से आने वाले संतराम राम और उनकी पत्नी की सुध लेने वाला आज कोई नहीं है। उनकी कोई संतान नहीं है। सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। वहीं दिल्ली के बुजुर्ग दंपती की तरह इनकी भी मदद करें। आपका एक शेयर इनकी जिन्दगी को एक नया आयाम दे सकता है आइये मिलकर इनकी मदद करें।