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रुद्रप्रयाग में पिछले 40 सालों से एक ही कमरे में रहने को मजबूर है गरीब विधवा का परिवार

पिछले दिनों एक खबर ने बहुत ही अधिक सुर्खिया बटोरी थी और वो थी रुद्रप्रयाग जिले को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का इस योजना में कमाल की बात ये थी कि में पूरे देशभर में रुद्रप्रयाग जिले को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। अब सबसे बड़ा सवाल दिल को यह चुभता है कि जिस रूद्रप्रयाग जिले को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री आवास के लिए केन्द्र सरकार ने सम्मानित किया उस जिले में कुछ लाचार और गरीब लोग अबतक इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। ये सिस्टम की लापरवाही कहें या जानबूझकर जनप्रतिनिधियों के द्वारा की गयी अनदेखी ये एक जांच का विषय है।

ऐसी ही एक लाचार और गरीब महिला हैं राधा देवी उम्र 58 वर्ष ग्राम करोखी ( उखीमठ ) जिला रुद्रप्रयाग। आज से लगभग 32 साल पहले उनके पति की कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद मौत हो जाती है, उस समय उनका बेटा महज एक साल का था। राधा देवी को तो कोई ख़ास काम आता नहीं था तो उन्होंने रिंगाल के बर्तन बनाने शुरू किये और उन्हीं को बेचकर अपनी 2 बेटियों और एक बेटे की शादी की। पूरे गाँव को उनकी इस स्थिति का पता था तो गाँव वालों ने उन्हें धो ( आवाज़) लगाने का काम दिया था, मतलब गाँव की कोई जरूरी सूचना होती थी तो उसे जोर से आवाज लगाकर पूरे गाँव को ये बात बतानी होती थी इसके बदले उन्हें खाने के लिए अनाज मिलता जाता था।

Gepostet von Sumit Ringwal am Samstag, 29. September 2018

अब पिछले 7 साल से ये पूरा परिवार अपना जीवन यापन करने के लिए एक ही कमरे में रहने को मजबूर है और उस कमरे में ये सभी 5 लोग रहते है। गर्मी और सर्दियाँ तो जैसे तैसे कट ही जाती हैं पर बारिश के मौसम में पानी को रोक पाना इस पूरे परिवार को एक बड़ी चुनोती होती है। गरीब राधा देवी बताती हैं कि इस साल की बात करूं तो ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और विधायक को मैंने अपनी व्यथा सुनाई और अर्जी भी दी पर आज तक मेरा काम फ़ाइल से आगे नही बढ़ पाया है।


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