जनऔषधि दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनऔषधि केंद्रों के लाभार्थियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि “आप सभी को दूसरे जनऔषधि दिवस की बहुत-बहुत बधाई। आज हफ्तेभर से मनाए जा रहे जनऔषधि सप्ताह का भी आखिरी दिन है। इस प्रशंसनीय पहल के लिए भी बहुत-बहुत अभिनंदन। जनऔषधि दिवस सिर्फ एक योजना को सेलिब्रेट करने का दिन नहीं है, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों, लाखों परिवारों के साथ जुड़ने का दिन है, जिनको इस योजना से बहुत राहत मिली है।”
मैंने ईश्वर को तो नहीं देखा, लेकिन मोदी जी मैंने आपको देखा है…एक महिला की यह बात सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए। कार्यक्रम में लकवे से पीड़ित उत्तराखंड की महिला ने कहा कि जन औषधि दवाइयों की वजह से उनकी स्थिति सुधर रही है और खर्च भी कम हुआ है। कार्यक्रम में दीपा शाह ने यह बात कही। वह बोलीं, ‘2011 में मुझे लकवा हुआ था, मैं बोल नहीं पाती थी। इलाज जो चल रहा था काफी महंगा था, जिसकी वजह से घर चलाना तक मुश्किल हो गया था। फिर जन औषधि (जेनरिक) दवाएं लेना शुरू किया। जिससे पैसा बचा। पहले दवाइयां 5 हजार की आती थीं, अब 1500 की आती हैं। महिला ने आगो कहा कि मैंने ईश्वर को नहीं देखा, लेकिन ईश्वर के रूप में मोदी को देखा है। इसपर महिला रोने लगी। वहीं मोदी भी भावुक हो गए।
देखें, जब जनऔषधि दिवस पर उत्तराखंड की महिला दीपा शाह से बात करते हुए रोने लगे पीएम @narendramodi https://t.co/hdtWOiUvqa pic.twitter.com/qfUvxys5FM
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) March 7, 2020
इसके बाद मोदी ने दीपा को संबोधित करते हुए कहा, आपने बीमारी को हराया है। आपका हौसला सबसे बड़ा भगवान है। वही आपका भगवान है। उसी वजह से आप उस संकट से बाहर निकल पाईं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जेनरिक दवाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन दवाओं से दीपा ठीक हुईं, यह सबूत है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद किसी दवा से ये दवाएं कम नहीं हैं।