इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम करीब 26.42% तक घट चुके हैं। इसके बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल में लगातार महंगाई की आग भड़क रही है। पिछले सात दिन में छह बार तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए हैं। सोमवार को भी पेट्रोल 30 पैसे और डीजल 35 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है। अब एक हफ्ते के दौरान दोनों के दाम एक लीटर पर चार रुपए तक बढ़ चुके हैं। पिथौरागढ़ जिले में पेट्रोल का दाम 100 रुपये के पार पहुंच गया है। रविवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित मुनस्यारी पंप कुमाऊं का पहला ऐसा पंप बना जहां लोगों को प्रतिलीटर पेट्रोल के लिए सौ रुपये चुकाने पड़े। यहां 24 घंटे में 49 पैसे की वृद्धि के बाद पेट्रोल का मूल्य 100.42 रुपये हो गया है।
पेट्रोल के साथ ही डीजल के मूल्य में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। इससे आमजन को महंगाई बढ़ने की चिंता सता रही है। लोगों का कहना है कि डीजल के मूल्य इसी तरह बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में ढुलाई भाड़ा बढ़ने से महंगाई और बढ़ेगी।कच्चे तेल के दाम फरवरी के अपने 140 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर से गिरकर 103 डॉलर तक आ चुके हैं, फिर भी पिछले छह दिनों में तेल कंपनियां पांच बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा चुकी है। तेल कंपनियों का रुख देखते हुए यह माना जा रहा है दाम बढ़ने का यह क्रम अगले 15 दिन तक इसी तरह जारी रह सकता है।
आपको बता दें 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी। 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।