राज्य के पहाड़ी रास्तों का सफर अब डराने लगा है। डेढ़ महीने के भीतर ही 22 हादसों में अब तक 97 लोगों की जान जा चुकी है। और, 89 लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इन हादसों के पीछे जो सबसे बड़ी वजह सामने आई है, उसमें सड़क सबसे ऊपर है। जर्जरहाल सड़के और अनियंत्रित ड्राइविंग के कारण राज्य में औसतन हर रोज दो लोग अपनी जान गवां रहे हैं। आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे हादसों की पड़ताल की तो कई अहम पहलू उभरकर सामने आए हैं। ताजा दो बड़े सड़क हादसों में सड़क की खराब हालत हादसे की वजह बनी है। धुमाकोट बस हादसे में जहां सड़क के गड़ढे और ओवरलोडिंग के कारण बस दुर्घटना का शिकार बनी। तो टिहरी के हादसे में भी सड़क को जिम्मेदारी बताया जा रहा है।
हादसे दर हादसे
जिला हादसा मौत घायल
चंपावत 01 04 06
नैनीताल 01 03 02
पिथौरागढ़ 02 03 02
देहरादून 02 01 02
टिहरी 10 31 54
पौड़ी 02 51 15
रुद्रप्रयाग 02 04 01
( स्रोत:आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम, आंकडे़ एक जून से 19 जुलाई 2018 तक)
ये है सड़क हादसों के मुख्य कारण:
– तेज रफ्तार और लापरवाही से गाडी चलाना
– सड़क धंसने, मलबा आने अथवा पुश्ता धंसना
– मार्ग पर किसी व्यक्ति अथवा पशु के आ जाने
-नशे की हालत में गाडी चलाना
-स्ट्रीयरिंग लॉक होना या ब्रेक न लगना