पहाड़ की महिलाओं के साहस और जज्बे की पूरी दुनियां में तारीफ होती है जिस कठिनाई से वो जीवन जीती हैं और तमाम परेशानियों के बाद भी हमेशा चहरे पर मुस्कान रखे होती है उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। अब जब देश कोरोना संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है उस दौर में जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की ओर से राहत कोष में दान देने के लिए कहा गया तो उसमें भी पहाड़ की महिलाओं ने बाजी मार ली है। प्रदेश की कई महिलाओं का राहत कोष में योगदान देशभर में चर्चा का विषय बना है और खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उत्तराखंड की महिलाओं की जमकर प्रशंसा की है।
इसी कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है और वह है चमोली जिले की महिलाओं का। यहाँ दुग्ध समिति की महिला सदस्यों ने सीएम राहत कोष में जो दान दिया है वह सहयोग कोराना महामारी में मानवीय संवेदनाओं का उत्कृष्ट व अनुपम उदाहरण बन गया है। दुग्ध संघ से जुड़ी महिलाओं ने एक दिन के दूध की कीमत से एकत्रित कर एक लाख रुपये दुग्ध संघ के माध्यम से सीएम राहत कोष में दान दी है।
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जिले में प्रबंधक दुग्ध संघ सिमली नरेश चन्द्र कुनियाल एवं सहायक निर्देश डेयरी राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि दुग्ध संघ के सदस्यों एवं जनपद में संचालित 59 दुग्ध समितियों की लगभग 700 महिला सदस्यों ने अपने एक दिन के दूध के भुगतान के रूप में मिलने वाली धनराशि सीएम राहत कोष के लिए दी है। अब एक बार फिर उत्तराखंड की महिलाओं ने एकता में शक्ति की परिभाषा को पुनर्जीवित किया है कि किस तरह अगर सामूहिक प्रयास करैं तो सफलता मिल सकती है।