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शहीद राजेंद्र सिंह नेगी: एक बैग, टोपी और अटैची…बस अब यही तो है जो उनके होने का एहसास दिलाएगा

कल शहीद राजेंद्र नेगी पंचतत्व में विलीन हो गए। वो देश के लिए कुर्बान हो गए लेकिन उनकी शहादत हमेशा देश वासियों को और उत्तराखंडवासियों को याद रहेगी। शहीद के पार्थिव शरीर की हालत दयनीय थी। शहीद सैनिक का बैग, टोपी और अटैची देख परिवार वालों की आंखें बार बार नम हो रही है। क्योंकि बस अब यही चीजें हैं जो राजेंद्र नेगी के साथ आखिरी समय तक थी। जिस टोपी को पहनकर वो ड्यूटी पर निकलते थे। बैग को लेकर वो घर को निकलते थे और वो पुरानी अटैची जिसमे उनका नाम लिखा हुआ है बस अब यहीं चीजें हैं जो शहीद की याद दिलाएगी और उनके होने का एहसास परिवार को दिलाएगी।

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जब शहीद का पार्थिव शरीर ताबूत में लाया गया तो उनका सामान भी यूनिट से घर लाया गया। उनके सामान को एक कोने में रखा गया जिसे देख बार बार आंखें भर आ रही हैं। परिवार वालों के लिए भले ही उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन परिवार वालों ने शहीद की एक एक चीज संजोकर ऱखी है जो हमेशा उनके होने का एहसास दिलाएगा।शहीद राजेंद्र नेगी गश्त के दौरान बर्फ में फिसलने से लापता हो गए थे। उनको लापता हुए 8 महीने हो गए और अब जाकर 15 अगस्त को शहीद का पार्थिव शरीर पुलिस को बरामद हुआ जिसकी सूचना सेना को दी गई और सेना ने शहीद के पार्थिव शरीर को कब्जे में लिया उसका मेडिकल किया गया और जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। परसों रात को पार्थिव शरीर एमएच में रखा गया और कल अंतिम दर्शन के बाद हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।

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