उत्तराखंड के गैरसेंड़ के रहने वाले 11वीं गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी भारत-पाकिस्तान सीमा में बर्फ पर पैर फिसलने के कारण पाकिस्तान की ओर गिर गए, यह घटना जनवरी की है, इसके बाद सेना की ओर से उनको काफी तलाश किया गया लेकिन हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का कहीं पता नहीं चल पाया, अब सेना की ओर से हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी को अब शहीद घोषित कर दिया गया है। शहीद के परिजनों को इस पर विश्वास नहीं हो रहा, परिजनों को लगता है कि शायद अभी भी हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी जिंदा हैं, हालांकि सेना की ओर से शहीद घोषित करने के बाद अब हवलदार के परिवार को वह सभी सुविधाएं मिल पाएंगी जो एक शहीद सैनिक के परिजनों को मिलती हैं।
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शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी की पत्नी मानती हैं कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि उनके पति अब नहीं रहे, उन्हें लगता है कि शायद वो अभी भी जिंदा हैं और सेना में काम कर रहे हैं। दरअसल जनवरी के बाद से सेना उनको लगातार तलाश कर रही थी, लेकिन हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का कहीं पता नहीं चला। भारत-पाकिस्तान सीमा पर दुर्गम स्थान पर बर्फीली चोटी से पैर फिसल जाने के कारण वह पाकिस्तान की ओर गिरे थे, उनको पूरा तलाश किया गया लेकिन वह नहीं मिले। उस समय काफी बर्फबारी भी हो रही थी और बर्फीले तूफान भी चल रहे थे, ऐसे में माना जा रहा है कि हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बर्फ के नीचे दब गए होंगे। शहीद राजेंद्र सिंह नेगी का परिवार फ़िलहाल देहरादून में रहता है, परिवार को इस खबर के मिलने के बाद काफी मायूसी हो रही है।