मूलरूप से ग्राम जखनियाल, पट्टी नैलचामी, घनसाली टिहरी गढ़वाल के रहने वाले अनिल भट्ट का परिवार वर्तमान में डोईवाला के पास प्रेमनगर में रहता था। अनिल भट्ट इस समय कोलकाता में 158वीं बटालियन बीएसएफ में तैनात थे। और कुछ समय पहले ही वो अपने परिवार से मिलने और छुट्टी लेकर उत्तराखंड अपने घर आये हुए थे। और अब लगभग पंद्रह दिन पहले ही वह छुट्टी बिताकर वापस ड्यूटी पर कोलकाता चले गए थे।
अब वहां ड्यूटी के दौरान अचानक अनिल भट्ट की तबीयत बिगड़ने लगी थी जिसके कारण पहाड़ के बेटे की वहां शहादत हो गई। और जब ये खबर शहीद जवान अनिल भट्ट के परिवार को दी गयी तो उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ और उसके बाद पूरा परिवार गम के माहौल में डूब गया और सभी परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
अब रविवार को शहीद अनिल का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ पूर्णानंद घाट लाया गया। यहां बीएसएफ की एक टुकड़ी ने शहीद के सम्मान में मातमी धुन बजाई और फायरिंग की। सैन्य सम्मान के साथ सीमा सुरक्षा बल के शहीद अनिल भट्ट को नम आंखों से विदाई दी गई। यहां उनके दस साल के पुत्र नमन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान सेना के जवानों ने मातमी बैंड धुन और फायर दागकर कर सलामी दी।