उत्तराखंड में चमोली जिले में 19 किलोमीटर लंबे नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों की विधानसभा कूच के दौरान पुलिस के साथ तीखी झड़प हो गयी। विधानसभा तक जाने पर अड़े ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कुछ देर पथराव भी हुआ। इससे एक वाहन के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की, लेकिन जब स्थिति नहीं संभली तो लाठीचार्ज किया गया। इसमें एक महिला समेत तीन लोग चोटिल हो गए थे।
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नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर घाट क्षेत्र से 250 वाहनों में सवार करीब 4000 लोग नारेबाजी करते हुए विधानसभा का घेराव करने के लिए रवाना हुए। जैसे ही वे जंगलचट्टी में पहुंचे तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका लेकिन वह नहीं माने और बैरियर पार करते हुए पांच किलोमीटर पैदल चलकर दिवालीखाल के लिए निकल पड़े। जैसे ही वह दिवालीखाल पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इससे गुस्साए आंदोलनकारियों ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। तभी पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठियां फटकारनी शुरू कर दीं। इससे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने भी पथराव करना शुरू कर दिया। घटना में करीब 18 से अधिक आंदोलनकारी चोटिल हो गए।
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थानाध्यक्ष सुभाष जखमोला ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। गिरफ्तार किए गए आंदोलनकारियों को छोड़ दिया गया है। दिवालीखाल में बैरियर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उधर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि गैरसैण के समीप दीवालीखाल में घाट ब्लाक के लोगों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसको गंभीरता से लिया गया है। सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने के निर्देश दे दिए हैं; दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।