कोरोना संक्रमण के बीच अब घर वापसी की कोशिश कर रहे हजारों लोग अधर में हैं। ये लोग जहां से चले थे अब वहां लौटना मुश्किल है और आगे जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। अपने घर जाने की जिद में अड़े इन लोगों को संभालना प्रशासन के लिए भारी होता जा रहा है।प्रदेश में अभी तक कोई राहत कैंप की व्यवस्था नहीं की गई है। फिलहाल इन लोगों को स्कूल, होटल, धर्मशालाओं आदि में ठहराया जा रहा है। आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक 29 मार्च तक करीब 43 हजार लोग विभिन्न जिलों में फंसे हुए थे।
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इसमें सबसे अधिक संख्या देहरादून जिले की ही है। अकेले ऋषिकेश में ही 12 हजार से अधिक लोग फंसे हैं। इसी तरह कालसी में 500, डोईवाला में 1500 और विकासनगर में 4000 लोग फंसे हैं।
मुसीबत यह है कि लोग घर जाने की जिद पर अड़े हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारियों का दावा है कि इन लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया है और संक्रमण के संदिग्धों को क्वारंटाइन किया गया है। लॉकडाउन लंबा चला तो इन लोगों को खासी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।