हरिद्वार कुंभ को लेकर अब तारीख फाइनल हो गयी है और इस बार कुम्भ का आयोजन एक से तीस अप्रैल के बीच किया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कुंभ मेला अवधि पर स्थिति स्पष्ट कर दी है। मार्च अंत में इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो सकता है। हरिद्वार कुंभ मेला की अवधि पर जारी असमंजस के बीच मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने स्पष्ट किया कि अधिकारिक कुंभ मेला एक से तीस अप्रैल के बीच ही होगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कोविड के कारण कुंभ मेला अवधि घटाने पर जोर दिया था। पहले कुंभ मेले के अवधि 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक प्रस्तावित की गई थी।
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हरिद्वार में कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के मद्देनजर सरकार तैयारियां कर रही हैं, मगर कोरोना संकट ने मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं। कुंभ में लाखों की तादाद में भीड़ उमड़ती है। ऐेसे में सबसे बड़ी चिंता तो कोरोना संक्रमण की रोकथाम की है। यही वजह भी है कि आमतौर पर कुंभ की जो अधिसूचना दिसंबर में होती थी, वह अभी तक नहीं हो पाई है। हालांकि, पूर्व में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कुंभ की अवधि 48 दिन रखने का निश्चय किया था। लेकिन अब एक बार फिर इसे संसोधित करते हुए 30 दिन का कर दिया गया है।
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प्रदेश सरकार ने रेलवे को पत्र लिखा गया है कि ट्रेन से जो भी यात्री आए हरिद्वार आएं, उनके पास कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट हो। साथ ही कुंभ के लिए स्पेशल ट्रेन, बस भी नहीं चलाने के लिए रेलवे और संबंधित राज्यों को पत्र लिखा गया है। शाही स्नान के दिन हरिद्वार आने के लिए ट्रेन उपलब्ध नहीं होगी, अलबत्ता हरिद्वार स्टेशन से बाहर जाने के लिए कुछ ट्रेनें खड़ी रहेंगी। उधर, कुंभ के मद्देनजर हरिद्वार में 10 सेक्टर के लिए मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जा चुकी है। अब अंतरराज्यीय परिवहन समेत अन्य बिंदुओं को लेकर एक और एसओपी जारी करने पर मंथन चल रहा है।