उत्तराखंड में ऋषिकेश के कोतवाली क्षेत्र में एक नाबालिग छात्र का दिनदहाड़े अपहरण की घटना सामने आयी है। इस घटना से पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों तक में खलबली मच गई। हालांकि पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए पांच टीमों का गठन कर इन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में रवाना किया। यूपी पुलिस ने बिजनौर जिले के धामपुर से रोडवेज बस से अपहरणकर्ता को पकड़ कर उसके कब्जे से नाबालिग को बरामद कर लिया है। पुलिस ने बताया कि नाबालिग आठवीं कक्षा का छात्र है। घटना शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे की है।
रुद्रप्रयाग से दुखद खबर, आंगन में खेल रही डेढ़ साल की बच्ची को गुलदार ने बनाया निवाला
एम्स में सिक्योरिटी गार्ड सुपरवाइजर पद पर तैनात व्यक्ति का 12 वर्षीय बेटा घर पर मौजूद था। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि शनिवार को इस मामले में भट्टोंवाला श्यामपुर निवासी गोपाल कृष्ण उप्रेती ने कोतवाली ऋषिकेश को एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने बताया कि भोला नाम के एक राज मिस्त्री जिसने करीब एक वर्ष पूर्व लगभग छह माह तक मेरे मकान में कार्य किया था, वह शनिवार को एक बजे उनके घर आया और उनके पिताजी को बताकर उनके 12 साल के बेटे को अपने साथ कुछ खाने पीने का सामान दिलाने के बहाने ले गया। मगर, उसके बाद वह बेटे को लेकर वापस नहीं आया। उन्होंने जब अपने नंबर से भोला के मोबाइल पर फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया।
उत्तराखंड: पौने दो साल की मासूम की छत से गिरने हुई मौत, परिजनों में मचा कोहराम
कुछ समय पश्चात जब उन्होंने अपनी पत्नी के नंबर से फोन किया तो उसने फोन उठा लिया और कहा कि तुम्हारा बेटा मेरे कब्जे में है। मैंने तुम्हारे बेटे का अपहरण कर लिया है। दो घंटे के अंदर 15 लाख रुपये का इंतजाम करो और पुलिस को बताया तो तुम्हारा बेटा नहीं मिलेगा। दोबारा पत्नी के नंबर से फोन कर भोला को बोला कि मेरे पास 15 लाख नहीं हैं तो उसने कहा कि 13 लाख से कम से नहीं होगा, तब उन्होंने उसे पैसों का इंतजाम करने की बात कही। गठित पुलिस टीम ने अपहरणकर्ता के मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस करते हुए लगातार उसका पीछा किया गया। धामपुर से रोडवेज बस से अपहरणकर्ता को पकड़ कर उसके कब्जे से नाबालिग को बरामद कर लिया है।