Home उत्तराखंड केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, यमुनोत्री में भी चल...

केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, यमुनोत्री में भी चल रही है तैयारी

विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ मंदिर के कपाट पौराणिक परंपराओं के अनुसार भैयादूज के मौके पर सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के छह महीनो के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब आने वाले शीतकाल के छह महीनो तक पंचकेदारो की गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही भक्त भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं। सोमवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद हुए थे और आज 12.30 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो जायेंगे। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को को बंद होंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

सेना की बैंड धुनों के साथ केदार बाबा की पंचमुखी भोगमूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। डोली आज पहले पड़ाव पर रामपुर में विश्राम करेगी। 31 अक्तूबर को बाबा की भोगमूर्ति ओंकारेश्वर मंदिर में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी। मुख्य पुजारी केदार लिंग द्वारा बाबा के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देकर भष्म से ढक दिया। इस मौके पर पंचमुखी भोग मूर्ति का श्रृंगार करते हुए चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया।

परंपरानुसार सुबह 6.30 बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को डोली में विराजमान कर मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शनार्थ रखा। कपाट बंद होने के मौके पर डेढ़ हजार से अधिक श्रद्धालु इस शुभ अवसर के साक्षी बनें। जम्मू-कश्मीर आर्मी की बैंड टीम की धुनों ने भी माहौल को भक्तिमय बना दिया। मंदिर से उत्सव डोली के बाहर आने के बाद मंदिर की परिक्रमा की गई। साथ ही डोली सीधे अपने गद्दीस्थल के लिए रवाना हो गई।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here