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कांवड़ यात्रा 2020: अगर कांवड़ लेने आने वाले हैं हरिद्वार तो ये खबर आपके लिए है

भगवान भोलेनाथ के पवित्र माह सावन शुरू होने में अब चंद ही दिन बचे हुए हैं, और इस दौरान करोड़ों की संख्या में कांवड़ लेने श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश आते हैं। लेकिन कोरोना काल में इस बार ऐसा कर पाना संभव नजर नहीं आ रहा है। इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कुछ जरुरी दिशानिर्देश जारी किये हैं और ये उन लोगों तक पहुंचना बहुत जरुरी हैं जो हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ लेने हरिद्वार आने का प्रोग्राम बना रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से उत्तराखंड सरकार ने इस साल हरिद्वार में होने वाली कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। लिहाजा अब यात्री गंगा नदी से जल नहीं उठा सकेंगे।

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उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से छह जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। इसके बाद अब तीन प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को रोकने के लिए योजना बना ली है। उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की बैठक में तय किया गया कि श्रद्धालुओं को अपने अपने क्षेत्र में सख्ती के साथ रोका जाएगा। और अगर फिर भी कोई कांवड़िया उत्साह में चोरी छिपे हरिद्वार आ जाता है और वो प्रशासन की नजरों में आ जाता है तो उसे प्रशासन 14 दिनों के लिए क्वारनटीन में रखेगा और इसका पूरा खर्च कांवड़िये को खुद उठाना पड़ेगा। इसलिए इस बार हरिद्वार की यात्रा पर न जाना ही बेहतर होगा।

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इसके साथ ही जो दूसरी जरुरी बात प्रशासन ने कही है वह ये कि स्थानीय निवासी या कोई भी बाहरी यात्री सादे कपड़े में हरिद्वार आ जाएगा तो उसे जल भरने से नहीं रोका जाएगा और न ही कोई कार्रवाई होगी। एडीएम प्रशासन बीके मिश्रा ने बताया कि कांवड़ियों की पहचान उसके गेरू कपड़े या समूह के रूप में आने से होती है, लेकिन स्थानीय व्यक्ति बिना कांवड़ के और या कांवड़ियों के वेष में आता है तो उस पर पाबंदी रहेगी।  हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिहाज से कांवड़ यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई कांवड़िया ट्रेन या फिर दूसरे माध्यमों से शहर प्रवेश कर जाता है तो उसे उसके अपने खर्चे पर 14 दिनों के लिए क्वारनटीन किया जाएगा।

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