देशभर में लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों और दुबई से की गई तमाम कोशिशों के बाद जब दुबई से लाया गया उत्तराखंड के युवक का शव दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो उसे परिजनों को नहीं सौंपा गया और वापस शुक्रवार को ही दुबई भेज दिया गया। मृतक के परिजन जैसे-तैसे उत्तराखंड से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही विमान शव को लेकर वापस लौट चुका था। इस घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। परिजनों ने सरकार से जल्द ही शव को घर भिजवाने की मांग की है।
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देवभूमि के कमलेश भट्ट संयुक्त अरब अमीरात में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के दौरान कमलेश भट्ट की मौत हो गई थी। उनकी मौत कोरोना वायरस की वजह से नहीं, बल्कि मौत हार्ट अटैक से हुई थी। कोरोना वायरस से मौत नहीं होने के बावजूद कमलेश भट्ट के शव को दिल्ली एयरपोर्ट से अबू धाबी वापस भेजा गया। अब परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि वह कमलेश भट्ट का शव वापस लाने में मदद करे। बीते 16 अप्रैल को हार्ट अटैक के चलते उनकी मौत हो गई थी। सभी क्लीयरेंस मिलने के बाद गुरुवार को कमलेश भट्ट समेत तीन भारतीयों के शवों को लेकर एतिहाद एयरवेज का विमान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा था।
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टिहरी में धनोल्टी तहसील के सकलाना के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट दुबई के एक होटल में नौकरी करता था। लॉकडाउन की चुनौती के बीच दुबई निवासी समाजसेवी रोशन रतूड़ी के प्रयासों से 23 अप्रैल की रात को दुबई के आबूधाबी एयरपोर्ट से एक कार्गो विमान दिवंगत कमलेश के अलावा तीन अन्य शवों को लेकर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारा गया। शव को लेने के लिए कमलेश के चचेरे भाई विमलेश भट्ट जिला प्रशासन से पास बनाने के बाद देहरादून से एंबुलेंस को बुक कर 24 अप्रैल तड़के साढ़े तीन बजे दिल्ली पहुंचे। विमलेश भट्ट ने बताया कि एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि गृह मंत्रालय ने रात को एक आदेश निकाला कि विदेश से आने वाले किसी भी शव को नहीं लिया जाए।