Home उत्तराखंड उत्तराखंड के रास्ते अब हो सकेगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा, पूरा हुआ...

उत्तराखंड के रास्ते अब हो सकेगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा, पूरा हुआ पीएम मोदी का सपना

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। अब उत्तराखंड के पारंपरिक लिपुलेख सीमा तक की सड़क बन जाने के बाद तीर्थयात्री सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर के दर्शन करके एक-दो दिन में ही भारत लौट सकेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पिथौरागढ़ धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया। इस मौके पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे और बीआरओ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह मौजूद थे।

यह भी पढ़िये: उत्तराखण्ड से बड़ी खबर: अब अपने वाहन से आ सकते हैं उत्तराखंड, शराब, पेट्रोल और डीजल महंगा..

17 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई पर 80 किलोमीटर लम्बी यह रोड कैलाश मानसरोवर को जोड़ने वाले लिपुलेख तक जाएगी। इस रोड का काम कई सालों से चल रहा था लेकिन ऊंचे पहाड़ और मुश्किल हालात से इसमें काफी दिक्कतें आ रही थी। अभी तक कैलाश मानसरोवर जाने में 3 हफ्ते से ज्यादा का वक्त लगता है जबकि लिपुलेख के रास्ते अब मात्र 90 किलोमीटर की सड़क यात्रा कर कैलाश मानसरोवर पहुंचा जा सकेगा।

यह भी पढ़िये: बड़ी खबर: हरियाणा से उत्तराखंड पहुंचे 4535 यात्री, 1.70 लाख लोगों ने किया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

मोदी सरकार के एजेंडे में कैलाश मानसरोवर की यात्रियों की सुविधा का मुद्दा हमेशा से अहम रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे सिक्किम में नाथुला मार्ग खोलने का आग्रह किया था, जिसे उन्होंने मान लिया था। लिपुलेख दर्रे के पार चीन में सीमा से मानसरोवर की दूरी महज 72 किलोमीटर है और सीमा से वहां चीन ने शानदार सड़क पहले ही बना रखी है। मोदी सरकार की योजना धारचुला में पर्यटक आधार शिविर को विकसित करने की थी, जहां से तीर्थयात्री एक दिन में ही मानसरोवर के दर्शन करके भारत लौट सकें।

यह भी पढ़िये: सरकार का बड़ा ऐलान: प्रवासियों को मिलेगा उत्तराखंड में ही रोजगार, करना होगा ये काम


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here