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घर और मंदिर की दीवारों में ही नहीं कभी खाकी पहन कर भी आते हैं भगवान, जानिये इस देवदूत की कहानी

वैसे तो हम लोग अपने घर के भगवान को फोटो में और मंदिरों में लगी मूर्तियों में ही ढूंढते रहते हैं क्यूंकि भगवान हमेशा हमें अच्छे रास्ते की ओर ले जाता है और जब भी हम पर कोई तकलीफ आती है तो भगवान हमारी मदद अवश्य करते हैं लेकिन हमेशा भगवान हमारे पूजाघरों में ही हों ऐसा नहीं होता है कभी कभी वो इंसान के रूप में आकर ऐसी मदद कर देता है कि हम उसके उस अहसान को ताउम्र याद रखते हैं ऐसे ही इंसान के रूप में एक भगवान यमुनोत्री मार्ग पर खाकी वर्दी पहने हुए मिले। खाकी वर्दी से अब तक आप समझ ही गये होंगे कि यहाँ बात पुलिस की हो रही है वही पुलिस जिसे हमेशा आम इंसान शंका की नजरों से देखता है लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं होता है इसका एक शानदार उदाहरण पेश किया है जानकीचट्टी चौकी के इंचार्ज लोकेंद्र बहुगुणा ने।

दरसल पूरा वाकया ये है कि मध्यप्रदेश में भोपाल के रहने वाले 55 वर्षीय रांझी राजन अपने परिवार के साथ यमुनोत्री धाम के दर्शनों के लिए आये हुए थे पैदल चलते हुए जब वो भेरो मंदिर के पास पहुंचे तो अचानक उनकी तबियत बिगड़ गयी, जिससे उनके पूरे परिवार के सदस्य वहां बहुत ही ज्यादा घबरा गये, उस पल वहां पर जानकीचट्टी चौकी के इंचार्ज लोकेंद्र बहुगुणा भी मौजूद थे जो वहां वो आवागमन को सुचारू रखने के लिए पैदल चल रहे लोगों, घोड़े वालों को, पालकी वालों को जरुरी निर्देश दे रहे थे। इसके बाद जैसे ही उन्हें रांझी राजन की हालात बिगड़ने के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें घोड़े में बिठाकर नजदीकी अस्पताल में भेजने के लिए प्रयास किया लेकिन तबियत ज्यादा खराब होने के कारण वो घोड़े में भी नहीं बैठ पा रहे थे।

इसके बाद पुलिसकर्मी लोकेंद्र बहुगुणा को यात्री रांझी राजन के हालात का अंदेशा हो गया तो उन्होंने आव देखा न ताव और उन्हें अपनी पीठ पर बिठाकर दो किमी दूर नजदीकी अस्पातल में भर्ती कर दिया इसके बात डॉक्टरों ने उनका उपचार करना शुरू कर दिया और कुछ समय बाद वो पूरी तरह से स्वस्थ हो गये| इसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि अगर समय पर रांझी राजन को अस्पातल में नहीं लाया जाता तो उनकी जान भी जा सकती थी क्यूंकि उन्हें इस दौरान माइनर हार्ट अटेक पड़ा था और जरा भी देर होती तो कुछ भी हो सकता था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद रांझी राजन के परिवार वाले लोकेंद्र बहुगुणा के सेवा भाव के गदगद हुए और वो उनके पैरों में गिरकर धन्यावद देने लगे और आगे परिवार ने कहा कि माँ यमुना ने देवदूत के रूप में जानकीचट्टी चौकी के इंचार्ज लोकेंद्र बहुगुणा को हमारे पास भेजा था।


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