जम्मू-कश्मीर में स्थित ट्यूलिप गार्डन की तर्ज पर ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी एक ट्यूलिप गार्डन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। नैसर्गिक खूबसूरती से भरपूर राज्य के इस सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ को मिनी कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन इस जिला मुख्ययालय में पर्यटकों के वास्ते अभी तक ऐसे पर्यटक स्थल स्थापित नहीं हो पाए हैं, जो पर्यटन को बढ़ावा दें और साथ ही राज्य के राजस्व बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकें। इस संबंध में यहां नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में प्रयास चल रहे हैं और जिसकी दिशा में ट्यूलिप गार्डन एक शानदार प्रयास होगा।
पिथौरागढ़ के मोस्टमानू में यह ट्यूलिप गार्डन भारत का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा, इसमें लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहली किश्त में इसके लिए पांच करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गये हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भविष्य की परिकल्पना यह है कि दुनिया भर से लोग पिथौरागढ़ में आएं और वहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें। सरकार का दावा है कि यह ट्यूलिप गार्डन कश्मीर के मुकाबले कहीं बड़ा होगा। कश्मीर में सिर्फ एक हेक्टेयर जमीन पर इस तरह का गार्डन बनाया गया है, जहां पर देश दुनिया के लोग आते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के लिए पिथौरागढ़ में भी जगह चिन्हित की गई है। सीएम ने विधानसभा स्थित अपने कक्ष में मीडिया से बातचीत में पर्यटन पर बात की। उन्होंने कहा कि 13 डेस्टिनेशन के लिए सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। और सभी जगहों के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। इनके तैयार होने में वक्त लगेगा, लेकिन यह पर्यटन विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ में ट्यूलिप गार्डन के लिए सरकार तेजी से काम शुरू करने जा रही है।