उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक नयी खबर तेजी से फ़ैल रही है जिसमें एक व्यक्ति किसी परिवार को जन्म पत्रिका जलाने के लिए प्रेरित करता है और हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलते हुए एक विशेष धर्म में आस्था रखने के लिए कहता है। यानि ये सीधा-सीधा धर्मांतरण का मुद्दा नजर आता है। अब जब यह मुद्दा तेजी से फ़ैल रहा है तो सभी लोगों के कान खड़े हो गए हैं। इस प्रकरण को सिर्फ़ धर्म परिवर्तन की दृष्टि से देखकर हल्के में नहीं लिया जा सकता है। विनोद कुमार नाम का यह व्यक्ति अपने फेसबुक पेज ‘APOSTLE VINOD KUMAR’ पर वीडियो डालता है और इसी तरह की तमाम बातें कर रहा है।
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तो अब तक जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार विनोद कुमार नाम के व्यक्ति का फेसबुक पेज खंगालने पर पता चलता है कि इस के तार नेपाल के उन लोगों से भी जुड़े हैं जिनका धर्मांतरण करवाया गया है। यानि सब कुछ सुनियोजित है। इसका मकसद कुमाऊँ के सीमांत गांवों में भी धर्मांतरण की लौ जगाने की मंशा है। हो सकता है कि अभी गुप्त रूप में वहां इसका मिशन चल भी रहा हो, कुछ कहा नहीं जा सकता। यानि पूरा उत्तराखण्ड धर्मांतरण की ओर है। चिंता का विषय ये है कि ऐसे वक्त पर ये प्रकरण आया है जब प्रदेश में असमय आपदा आयी हुई हो। सत्तासीन सरकार से जनता नाखुश हो। कुछ नए दल अपनी राजनीतिक दाल गलाने की जुगत में हों और विधान सभा चुनाव नज़दीक हों।
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वहीँ चिंता का विषय तो ये भी है कि एक बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन हो जाता है और प्रदेश सरकार को कानों कान ख़बर भी नहीं होती है। अगर राज्य में इंटेलीजेंस इतना कमज़ोर है तो क्या ये समझा जाएं कि राज्य की सीमाएं सूचना के अभाव में असुरक्षित हैं? उत्तराखण्ड जिसे सहस्र वर्षों से देवभूमि के नाम से जाना जाता है। जहां चार धाम स्थित हैं। वहां धर्म परिवर्तन की लहर चार धामों के अस्तित्व को खतरे में डालता है। ये अचानक हुआ हो यह मुमकिन नहीं। ये सिर्फ़ एक विनोद कुमार नाम के व्यक्ति का दुस्साहस हो ऐसा भी नहीं लगता। इसमें किसी विदेशी ताकतों का हाथ होना भी माना जा सकता है या फ़िर राजनीतिक पार्टियों की वोटों के ध्रुवीकरण की साज़िश भी हो सकती है।