शनिवार को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम… आईएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट शनिवार को ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि वीरता और शौर्य का विशाल सागर उमड़ आया हो। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली।
वीरभूमि उत्तराखंड के युवा मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा से ही अंग्रिम पंक्ति में खड़े रहते हैं। इसकी बानगी हर वर्ष पीओपी में भी देखने को मिलती है। हर साल उत्तराखंड के बड़ी संख्या में युवा पासआउट होकर बतौर अफसर भारतीय सेना में शामिल होते हैं। इस बार भी इंडियन मिलिट्री एकेडमी से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्तराखंड के 43 नौजवान शनिवार को पास आउट होकर बतौर लेफ्टिनेंट सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं। इन युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। कहा जा सकता है कि सूबे की युवा ब्रिगेड वीरभूमि की सैन्य परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाकर राज्य का गौरव बढ़ा रही है।
शनिवार को आईएमए में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में प्रदेश के लगभग सभी जनपदों का प्रतिनिधित्व रहा है। देहरादून के सबसे अधिक युवा पास आउट होकर सेना में अफसर बने हैं। पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म पूरी होने के बाद सभी उत्तराखंडी एक-दूजे से गले मिले। अब ये सभी सेना की अलग-अलग यूनिटों व रेजीमेंटों को ज्वाइन कर बतौर अफसर अपनी सैन्य पारी की शुरुआत करेंगे।