उत्तराखण्ड के कैबनेट मंत्री सतपाल महाराज को उच्च न्यायालय ने क्वेरेन्टीन QUARANTINE उल्लंघन मामले में नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है । न्यायालय ने सरकार से भी ये पूछा है कि क्या इस राज्य में दो कानून लागू हैं ? देहरादून निवासी वासी उमेश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर न्यायालय से कहा है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने 20 मई से 3 जून तक होम क़वेरेन्टीन किये जाने के बावजूद दो कैबिनेट मीटिंग और एक जनता मिलन में हिस्सा लिया। बताया कि मंत्री जी के घर के बाहर देहरादून के जिलाधिकारी और सी.एम.ओ.का नोटिस चस्पा है, जिसमे साफ लिखा है कि न तो आप घर से बाहर जाएंगे और न ही कोई आपसे मिलने घर आएगा ।
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बावजूद इसके मंत्री जी व उनका परिवार नियमों का उल्लंघन करता दिखा है । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गोपाल के.वर्मा ने बताया की उन्होंने न्यायालय से कहा कि इस राज्य में दो नियम कानून कैसे हो सकते हैं ? यहां आम आदमी उल्लंघन करे तो उसके खिलाफ मुकदमा और जेल जबकि मंत्री करे तो सरकार और पुलिस चुप रहे ।मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से इस बात पर जवाब देने को कहा है कि आम आदमी और मंत्री के बीच क्या फर्क है ? साथ में खण्डपीठ ने सतपाल महाराज को भी नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है ।