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केदारघाटी में बारिश से भारी नुकसान, घरों में घुसा मलबा, सडकें ध्वस्त और कई गाँव खतरे की जद में

उत्तराखंड में बारिश के लिहाज से पिछला एक हफ्ता मुसीबतों का पहाड़ लेकर आया है। बारिश के कारण कई घर बरबाद हो चुके हैं जबकि सड़कों की स्थिति इस दौरान दयनीय बनी हुई है। पहाड़ी जिलों का तो और भी बुरा हाल है क्यूंकि सड़कों के बंद हो जाने से लोग अपने जरुरी कामों के लिए भी नहीं निकल पा रहे हैं और उन्हें अपने घरों में ही कैद रहना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग जिले में भी केदारघाटी के लोगों का भारी बारिश के कारण बुरा हाल है। कई गांवों में बारिश से भारी नुकसान हुआ है जिसमें लोगों के घरों में पानी घुसना, खेतों का बह जाना और सड़कों का टूट जाना भी शामिल है। ऊखीमठ  के पास ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक व अन्य स्थानों पर भी इन दिनों भूधंसाव के कारण प्रभावित 79 परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर करना पड़ा है।

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रुद्रप्रयाग डीएम वंदना सिंह चौहान के आदेश पर नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित समिति ने उषाड़ा व दैड़ा गांव का स्थलीय निरीक्षण कर वहां भूधंसाव व अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया है। इस बीच 18 अगस्त देर रात से हो रही बारिश के कारण फाटा रामपुर के पास भी कई घरों में मलबा घुस आया है जबकि केदारनाथ हाईवे भी कई स्थानों पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। दूसरी और भीरी क्षेत्र के परकंडी और ककोला गांवों में भी पिछले कुछ दिनों से लगातार भूस्खलन हो रहा है जिसके कारण 1000 से अधिक लोगों पर जान का खतरा बना हुआ है। भीरी-मक्कू रोड भी भूस्खलन के कारण पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है।

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