शनिवार को उत्तराखंड की सियासत में एक नया विवाद देखने को मिला है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और बीजेपी सासंद अनिल बलूनी के बीच खूब सोशल मीडिया वॉर देखने को मिली। बलूनी ने हरीश रावत पर हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेला का आरोप लगाया है तो रावत ने पीएम मोदी समेत कुछ बड़े बीजेपी नेताओं की टोपी पहने फोटो शेयर कर उन्हें ”मौलाना” लगाने की चुनौती दी। दरअसल हरीश रावत द्वारा जुम्मे की नमाज पर छुट्टी देने को लेकर रावत ने सुबह बीजेपी पर पटलवार किया था। जिसके बाद इस मामले पर बीजेपी से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने हरीश रावत पर हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलने का आरोप लगाया है।
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इसके बाद रावत ने पलटवार कतरते हुए लिखा कि बलूनी जी आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद मैं आपसे कहना चाहता हूं कि ये आपकी पार्टी की सोशल मीडिया टीम के लोग थे, जिन्होंने एक रोजा इफ्तार पार्टी में मेरी पहनी हुई टोपी को लेकर मेरी फोटो वायरल कर धार्मिक प्रदूषण फैलाने की कुचेष्टा की। 2017 के चुनाव में आपकी पार्टी के लोगों ने घर-घर मेरी टोपी पहने हुई फोटो को लोगों को दिखाकर उनकी धार्मिक भावनाओं को उकेरने का कुप्रयास किया। हरीश रावत ने फिर पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ फोटो शेयर कर बीजेपी को अपने अंदाज में जवाब दिया। रावत ने बीजेपी पार्टी को इनके नामों के आगे ”मौलाना” लगाने की चुनौती दी, जैसा कि पार्टी ने अतीत में उनके साथ किया था।
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मालूम हो कि रावत के कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनने के बाद से भाजपा ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी है। रावत के सीएम कार्यकाल के स्टिंग के बाद अब उनके कुछ फोटो और फैसलों के आधार पर धर्म विशेष के प्रति हददर्दी वाले नेता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रावत जी, आपने फिर बड़ी सफाई के साथ कांग्रेस की डूबती नैया बचाने के लिए हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेला है। इस कार्ड को आप अपनी ‘राजनीतिक संजीवनी’ मानते आए हैं। स्वाभाविक है सत्ता पाने के लिए कांग्रेस हर बार इस धार्मिक कार्ड का उपयोग करती आई है। इसके अनगिनत उदाहरण हैं।