बाबा केदार के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए छह माह को बंद कर दिए हैं। प्राचीन काल से ही केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले भैरवनाथ के कपाट बंद होने की परंपरा रही है। अपराह्न 1 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई। आचार्य औंकार शुक्ला द्वारा पूजा-अर्चना करने के पश्चात भकुंट भैरवनाथ की प्रार्थना की गई।
यह भी पढ़ें:उत्तराखण्ड: पहाड़ में दर्दनाक सड़क हादसा, तेज रफ्तार बाइक की चपेट में आने से शिक्षक की मौत
बताते चलें कि इस यात्रा वर्ष में केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर भैया दूज के दिन बंद होंगे। इस मौके पर देवस्थानम बोर्ड से आचार्य औंकार शुक्ला, प्रशासनिक अधिकारी/ मंदिर सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पवान, भैरवनाथ के पश्वा अरविंद शुक्ला, महावीर तिवारी, मृत्युंजय हीरेमठ, उम्मेद सिंह, सूरज सिंह, भोला सिंह कुंवर, जगदीश, देवी प्रसाद, सुभाष सेमवाल के साथ ही कई तीर्थ पुरोहित और यात्री मौजूद थे।