उत्तराखंड सरकार ने आगामी 22 जून तक कोविड कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है। वहीं, चारधाम यात्रा को चरणबद्ध ढंग से खोले जाने के मामले में प्रदेश सरकार ने कुछ ही घंटों में यू टर्न ले लिया है। दिन में सरकार ने कोविड कर्फ्यू को जारी रखते हुए चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले के स्थानीय लोगों के लिए बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शन की सशर्त अनुमति की घोषणा की। शासकीय प्रवक्ता उनियाल ने दोपहर 12 बजे जारी वीडियो में साफ ऐलान किया था कि चमोली जिले के लोग बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के लोग गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन कर सकेंगे।
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बाद में सरकार अपने ही निर्णय से पलट गई। उनियाल ने बताया कि 16 जून को चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई है। इसके बाद ही चारधाम यात्रा शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल की ओर से जानकारी दी गई कि कोविड की आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता के साथ स्थानीय लोग अपने-अपने जिलों में धाम के दर्शन कर सकेंगे। लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से कोविड कर्फ्यू को लेकर जो मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी की गई, उसमें चारधाम यात्रा को सशर्त खोले जाने का जिक्र नहीं था।
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मामले की पड़ताल हुई तो पता चला कि चारधाम यात्रा को खोले जाने के संबंध में मामला न्यायालय में विचाराधीन है। 16 जून को प्रदेश सरकार को न्यायालय में चारधाम यात्रा पर अपना पक्ष रखना है। इसके बाद ही सरकार चारधाम यात्रा के संबंध में निर्णय लेगी। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने माना कि चारधाम यात्रा का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से फैसले में परिवर्तन किया गया। गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री 15 मई, केदारनाथ 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिए गए थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार ने श्रद्धालुओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी है।