अभी तक आपने चीन में स्थित कांच के पुल के बारे में मीडिया में सुना और देखा होगा, कि किस तरह से यह पुल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता आया है। अब इसी तर्ज पर केदारनाथ में भी कांच का पुल बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। साल 2013 की आपदा से पहले केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव रहे रामबाड़ा को यादों में बनाए रखने के लिए यहां मंदाकिनी नदी पर चीन की तर्ज पर पारदर्शी पुल का निर्माण किया जाएगा। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन इसकी कार्ययोजना बनाने में जुट गया है।
यात्राकाल में रामबाड़ा की एक अलग ही पहचान हुआ करती थी। केदारनाथ यात्रा का यह एक मुख्य पड़ाव हुआ करता था। यहां पर बाबा के दर्शनों को जाने वाले और दर्शन कर लौटने वाले श्रद्धालुओं का मेल-मिलाप होता था। यहां ढाबा, दुकानें व छानियां थी, जहां यात्री भोजन करने के साथ रात्रि प्रवास भी करते थे, लेकिन 16/17 जून 2013 की आपदा में मंदाकिनी के रौद्र रूप ने रामबाड़ा को लील लिया। अब यहां चारों तरफ बोल्डर और भू-कटाव से छलनी जमीन के निशान ही नजर आते हैं।
करीब आठ करोड़ की लागत से तैयार किए जाने वाले इस पुल के लिए सीएसआर से धनराशि जुटाई जाएगी। केदारनाथ पैदल मार्ग पर आपदा के बाद से वीरान पड़ा रामबाड़ा एक बार फिर देश-दुनिया में नई पहचान बनाएगा। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि रामबाड़ा को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से यहां पारदर्शी पुल निर्माण की योजना है। जल्द ही इस कार्यक्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर उनकी राय ली जाएगी। साथ ही क्षेत्र का प्रारंभिक सर्वेक्षण भी कराया जाएगा। गढ़वाल आयुक्त को भी इस योजना से अवगत कराया गया है।