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शर्मनाक: देवभूमि में इस कारण मासिक धर्म के दौरान स्कूल नहीं जा पाती इस क्षेत्र की लड़कियां

दुनियां भले ही कितनी ही आधुनिक हो जाये पर कुछ लोग अभी भी ऐसी रूढ़िवादी सोचों में जीते हैं कि कुछ समय के लिये इन बातों पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे ही एक मामले से हम आपको यहाँ रूबरू करवा रहे हैं ये पूरा वाकया है देवभूमि उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले का नेपाल सीमा से लगे सल्ला चिंगरी क्षेत्र के कई गांवों की छात्राओं को आज भी जब मासिक धर्म होता है तो वो इस दौरान स्कूल नहीं जा पाती हैं। इक्कीसवीं सदी में ही इन गाँव के लोगों की ये सोच है कि इस दौरान वे अपवित्र हो जाती हैं और उनके स्कूल जाने से मंदिर की पवित्रता भंग हो जाती है।

यह पूरा मामला तब सामने आया जब पिछले दिनों उत्तराखंड महिला मंच की उमा भट्ट के नेतृत्व में महिलाओं ने पिथोरागढ़ के झूलाघाट से पंचेश्वर घाटी तक पैदल यात्रा की। यात्रा के दौरान महिलाओं ने क्षेत्र की महिलाओं और स्कूल पडऩे वाले छात्राओं से बातचीत की और इस बातचीत में यह मामला सामने आया। पद यात्रा की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के बाद शिक्षा विभाग को भी इस मामले की जानकारी लगी है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद जिले का शिक्षा महकमा हरकत में आ गया है।

पूरे इलाके के गांवों की छात्राओं के माह में पांच दिन स्कूल नहीं जाने की जानकारी मिलने पर मुख्य शिक्षाधिकारी बीपी सिमल्टी ने खंड शिक्षाधिकारी मूनाकोट बीएस रावत को मसले का समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जब घटना की गहराई में जाया गया तो पता चला कि क्षेत्र के दो इंटर कॉलेज और दो जूनियर हाईस्कूल में इस तरह की समस्या सामने आई है। जब इस मसले पर ग्रामीणों के साथ बैठक की और इस मसले पर चर्चा की गयी तो ग्रामीणों से छात्राओं को स्कूल भेजने का अनुरोध किया, लेकिन ग्रामीण फिलहाल इस पर सहमत नहीं हैं।  ग्रामीणों ने मंदिर के मार्ग को छोड़कर स्कूलों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए जाने की मांग प्रशासन के सामने रख दी है। अब  उम्मीद जताई है कि जल्द ही मसले का समाधान निकाल लिया जाएगा।


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