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रुद्रप्रयाग: जिस घर से 17 दिन बाद उठनी थी बेटी की डोली, अब वहां से उठेगी भाई–बहन की अर्थी

भगवान ऐसा दुख किसी को ना दे, जैसा इस वक्त अभिषेक और दीक्षा के माता-पिता को सहना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग में क्यूंजा घाटी के युद्धवीर सिंह रावत के घर में इकलौती बेटी दीक्षा के विवाह की चहलपहल रहनी थी, लेकिन विवाह की खुशियों के घर में मातम पसर गया। 17 दिन बाद दीक्षा की शादी होने वाली थी। दरअसल देहरादून से वाया टिहरी होते हुए रुद्रप्रयाग जा रही मैक्स बुधवार तड़के करीब तीन बजे टिहरी बांध की झील में समा गई। इस हादसे के बाद से अगस्त्यमुनि विकासखंड के क्यूंजा घाटी के मोली और जाबरी गांव में मातम पसरा हुआ है।

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इकलौती बेटी के विवाह की तैयारियों को याद करते हुए मां की आंखें सूख गई हैं। बुजुर्ग दादी की आंखे अपने नातिन और नाती को याद कर रही है। दीक्षा अपनी शादी की शोपिंग के लिए अपने छोटे भाई अभिषेक के साथ बीते मई में देहरादून चली गई थी। यहां अभिषेक और दीक्षा का बड़ा भाई रहता है, लेकिन वह लॉकडाउन में घर लौट आया था। वहीँ जाबरी गांव के तीन अबोध बच्चों के सिर से भी पिता का साया उठ गया है। सात वर्ष, पांच वर्ष और डेढ़ वर्ष की उम्र के इन बच्चों के पिता अवतार सिंह वाहन चला रहे थे, लेकिन रात के अंधेरे में वाहन पैराफिट तोड़ते हुए झील में समा गया। अवतार सिंह राणा कुछ वर्ष पूर्व आईटीबीपी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर घर लौटे थे।

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