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सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें कितनी खतरनाक होती हैं जानिये अगस्त्यमुनि रेप काण्ड का पूरा सच

हाल में ही केन्द्र सरकार एक मामले पर विचार कर रही है कि क्या सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को रोकने के लिए कानून बनाने की जरुरत है, और इस पर इन दिनों काफी बहस भी हो रही है पर हम यहाँ आपको ऐसी ही एक फर्जी न्यूज़ के बारे में बता रहे हैं जिसके कारण उत्तराखंड जो कि देवभूमि कहलाता है इस एक खबर के द्वारा अशांत हो उठा, और अशांत भी उत्तराखंड को वो जिला हुआ जो जाना जाता था अपने सोहार्द के लिए, जी हाँ हम यहाँ बात कर रहे हैं रुद्रप्रयाग जिले की और ये घटना घटी है बीते शुक्रवार यानी 6 अप्रैल को अगस्त्यमुनि में।

6 अप्रैल को जहाँ एक और पूरे भारत में सलमान खान का जेल जाना और कॉमनवेल्थ गेम्स चर्चा का विषय थे तो उसी दिन सुबह सुबह पूरा अगस्त्यमुनि बाजार सड़कों पर था और इसका कारण था कि सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही थे जिसमें कहा जा रहा था कि “अगस्त्यमुनि में 10 साल की बच्ची से बलात्कार किया गया और बलात्कार करने वाला मुस्लिम समुदाय से है, तो आप सभी लोगों से निवेदन है कि आप सब अधिक से अधिक संख्या में 6 अप्रैल को अगस्त्यमुनि पहुंचे हमें दूसरे समुदाय के लोगों से बदला लेना है” बस एक ये खबर थी और जैसे ही ये सोशल मीडिया पर पडी ये खबर चारों ओर बहुत तेजी से वायरल हो गयी और अगले दिन हजारों की संख्या में लोग  अगस्त्यमुनि में इकठ्ठा हो गये।

इसके बाद 6 अप्रैल को सुबह से ही हंगामा होना शुरू हो गया और इसके बाद भीड़ ने अगस्त्यमुनि बाजार में मुस्लिम समुदाय की 15 से ज्यादा दुकानों को पूरी तरह से तोड़फोड़ दिया, और वो लोग लड़की के लिए न्याय की मांग कर रहे थे, हालांकि मौके पर पुलिस ने बाद में भीड़ को जैसे तैसे शांत किया और 3 केस दर्ज करते हुए 6 लोगों को भी  गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद जब प्रशासन ने इस पूरे मामले की परतें खोली तो पता चला की ये खबर तो पूरी तरह से फेक है, और जिस लड़की के बारे में बताया जा रहा है कि रेप हुआ और उसकी मृत्यु हो गयी वो पूरी तरह से सुरक्षित है, और ये मात्र अफवाह है, इस पूरी बेचैन कर देने वाले घटना के बाद जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को भी सामने आना पड़ा और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना एक विडियो जारी करके इस पूरी न्यूज़ को फेक करार दिया और आरोपियों पर तुरंत कार्यवाही का भी भरोसा जनता को दिया।

अब इस पूरी घटना के बाद से अगस्त्यमुनि में धारा 144 लगा दी गयी है और पुलिस सोशल मीडिया के द्वारा आरोपियों तक पहुँचने की लगातार कोशिस भी कर रही है, और इसमें ताजा समाचार मिलने तक 10 लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, इसके अलावा नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने 6 अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया था। तो अगस्त्यमुनि में हुए इस पूरे बवंडर की असली जड़ सोशल मीडिया ही है, एक झूटी अफवाह के जरिये क्या हो सकता है इसका ये बहुत बड़ा उदाहरण है, एक बहुत बड़ा सांप्रदायिक दंगा होते होते बचा है इस घटना के बाद से। हमारा आप सभी से निवेदन है कि आप जो भी सोशल मीडिया पर पढ़ते और सुनते हैं वो हमेशा सच नहीं होता, किसी भी न्यूज़ को शेयर करने से पहले एक बार अच्छी तरह से उसकी प्रमाणिकता को जांच लें, नहीं तो ये सोशल मीडिया इंसान को हैवान बनाने में देर नहीं लगाता है।