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इस तरह हो रहा कारगिल शहीद की शहादत को सम्मान शौर्य स्तंभ के बगल में रखा कूड़ादान

उत्तराखंड के टिहरी जिले के लंबगांव क्षेत्र के थापला गांव के निवासी बिजेंद्र सिंह चौहान साल 1999 में मई महीने में लड़ी गयी कारगिल की लड़ाई में दुश्मनों से लोहा लेते हुए भारत माता के लिए शहीद हो गए थे। उस दौरान पूरे देशभर में उनकी शौर्यगाथा के चर्चे थे उनकी याद में  जनवरी 2000 में लंबगांव बाजार में उनके सम्मान में प्रशासन ने शौर्य स्तंभ का निर्माण भी कराया था। लेकिन दुर्भाग्य देखिये शहीद पति की याद में बने शौर्य स्तंभ के आगे रखे कूड़ेदान रख दिया जाता है। शहीद की पत्नी कहती हैं ‘मेरे पति ने देश के लिए शहादत दी है, लेकिन यह कैसा सम्मान है। इससे तो अच्छा है प्रशासन इस शौर्य स्तंभ को ही यहां से हटा दे।’

शहीद बिजेंद्र की पत्नी बांसुरी देवी बताती हैं कि नवंबर में एक दिन उन्होंने देखा कि शौर्य स्तंभ के सामने कूड़ादान लगा है तो ये देखकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने पूछा कि क्या उनके पति की शहादत का यही सिला है। बातचीत में वह कहती हैं कि अगर यह जगह कूड़ेदान के लिए उपयुक्त है तो शौर्य स्तंभ को यहां से हटा दीजिये और उसे किसी दूसरी जगह स्थानांतरित कर दें।

जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी ले. कर्नल (सेवानिवृत्त) सीबीएस बिष्ट ने कहा कि यदि परिजनों ने शिकायत की तो इस बारे में शासन को पत्र भेज कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। वहीं प्रतापनगर के एसडीएम अजयवीर सिंह ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन यदि ऐसा है तो कूड़ेदान को तत्काल हटा दिया जाएगा जाएगा।


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